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सीएसई ने की दिल्ली-एनसीआर में 14 नए प्रदूषण हॉट स्पॉट्स की पहचान, स्थानीय प्रदूषण को बताया जिम्मेदार

दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण पर किए गए ताजा विश्लेषण में पता चला है कि 14 नए स्थानों ने सर्दियों के समय में हवा की गुणवत्ता में औसत से अधिक गिरावट दर्ज की।

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नई दिल्ली, 7 जून। दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण पर किए गए ताजा विश्लेषण में पता चला है कि 14 नए स्थानों ने सर्दियों के समय में हवा की गुणवत्ता में औसत से अधिक गिरावट दर्ज की। यह विश्लेषण दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) द्वारा किया गया है। सीएसई ने कहा कि इन 14 हॉट स्पॉट्स में अन्य ज्ञात हॉट स्पॉट की तुलना में वायु प्रदूषकों की उच्च सांद्रता अधिक दर्ज की गई- 197 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर। सीएसई ने जिन हॉट-स्पॉट्स का अध्ययन किया उनमें अलीपुर, डीटीयू, आईटीओ, नेहरू नगर, पटपड़गंज, सोनिया विहार और दिल्ली में विवेक विहार, नोएडा में सेक्टर 1 और 116, गाजियाबाद में लोनी, संजय विहार और इंदिरापुरम, ग्रेटर नोएडा में नॉलेज पार्क वी और बुलंदशहर शामिल हैं।

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Delhi-NCR में 14 नए Pollution Hot Spot की पहचान, CSE की रिपॉर्ट में खुलासा । वनइंडिया हिंदी

थिंक टैंक ने कहा कि यह विश्लेषण स्थानीय प्रदूषण के प्रभाव को इंगित करता है। सीएसई ने यह भी कहा कि लॉकडाउन ने इस साल भी दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता में सुधार किया, हालांकि यह पिछले साल जितना प्रभावी ढंग से नहीं हुआ जबकि पिछले साल प्रतिबंध छोटे थे और कम कड़े थे।

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सीएसई ने कहा, 'पिछले साल 12 मार्च से आंशिक लॉकडाउन लगाने की शुरुआत हुई थी, जबकि 25 मार्च से हार्ड लॉकडाउन की शुरुआत हुई, जिसको 18 मई से चरणबद्ध तरीके से हटा लिया गया था। आंशिक लॉकडाउन के कारण भी पीएम 2.5 के स्तर में भी 20 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई, वहीं, हार्ड लॉकडाउन के कारण इनमें 35 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई।'

सीएसई ने आगे कहा कि 18 मई से लॉकडाउन की पाबंदियां हटने से पीएम 2.5 पार्टिकल्स के स्तर में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई। सीएसई ने आगे कहा कि इसके लिए आंशिक तौर पर मौसम विभाग भी जिम्मेदार होगा लेकिन इसका कारण शहर और आस-पास के क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण के उपायों के कमजोर होने के कारण भी हो सकता है। सीएसई ने कहा कि 2021 में यातायात की तीव्रत भी तुलनात्मक रूप से अधिक रही। सीएसई के विश्लेषण में यह भी पता चला है कि इस साल के फरवरी-मार्च में वायु गुणवत्ता के मामले में 27 दिन बहुत खराब थे, जबकि 2020 में 17 दिन और 2019 में 12 दिन ही खराब थे।

English summary
CSE identifies 14 new pollution hot spots in Delhi-NCR, blames local pollution
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