इन पांच वजहों से बीजेपी ने मनोज तिवारी को बनाया दिल्ली का अध्यक्ष
बीजेपी में और भी नेता हैं जो दिल्ली की राजनीति में बेहतर दखल रखते हैं लेकिन मनोज तिवारी को अध्यक्ष चुनने के पीछे कुछ खास वजहें हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को इसके लिए धन्यवाद दिया है।
नई दिल्ली। बीजेपी आलाकमान ने सांसद मनोज तिवारी को दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष बनाने का फैसला लिया है। पूरब के वोटरों के बीच पैठ रखने वाले मनोज तिवारी 2014 के लोकसभा चुनावों में दिल्ली की नॉर्थ-ईस्ट लोकसभा सीट से ही सांसद चुने गए थे। बीजेपी में और भी नेता हैं जो दिल्ली की राजनीति में बेहतर दखल रखते हैं लेकिन मनोज तिवारी को अध्यक्ष चुनने के पीछे कई वजहें हैं।
1. दिल्ली में एमसीडी चुनाव
दिल्ली की कमान मनोज तिवारी को सौंपने के पीछे बड़ा सियासी गुणा-गणित है। दिल्ली में अगले साल के शुरुआती महीने में नगर निगम के चुनाव हैं। नगर निगम में बीजेपी का पहले से कब्जा है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को टक्कर देने के लिए बीजेपी ने मनोज तिवारी को चुना है। हालांकि तीनों एमसीडी के 13 वॉर्डों में हुए उप चुनावों से पहले ही मनोज तिवारी को यह पद देने की चर्चा थी लेकिन फिर उप चुनाव को देखते हुए यह फैसला टाल दिया गया था। अब 2017 के चुनावों में मनोज तिवारी के पास बड़ी जिम्मेदारी होगी।
पढ़ें: मनोज तिवारी होंगे दिल्ली प्रदेश BJP के नए अध्यक्ष
2. दिल्ली में बसे पूरबियों के बीच लोकप्रिय चेहरा
मनोज तिवारी राजधानी दिल्ली समेत देशभर में पूरबियों के बीच खासे चर्चित हैं। गायक और अभिनेता से राजनेता बने मनोज तिवारी ने 2014 के लोकसभा चुनावों में दिल्ली की नॉर्थ-ईस्ट लोकसभा सीट से चुनाव जीता था। दिल्ली में करीब 40 फीसदी वोटर पूर्वांचल के हैं। 70 में से कई सीटों पर पूरबियों का दबदबा है। नगर निगम चुनाव में पूर्वांचल के मतदाओं के वोट हार-जीत तय करने वाले भी होते हैं। ऐसे में बीजेपी ने मनोज तिवारी की लोकप्रियता का पूरा फायदा उठाने की कोशिश की है।
पढ़ें: नोटबंदी के 22वें दिन RBI ने लिया एक और बड़ा फैसला
3. यूपी विधानसभा चुनाव
मनोज तिवारी को दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के पीछे एक वजह उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव भी हैं। पूर्वांचल में मनोज तिवारी की लोकप्रियता किसी से छुपी नहीं है। ऐसे में यूपी चुनाव में पूर्वांचल के वोट जुटाने के लिए बीजेपी के लिए मनोज तिवारी काफी मददगार साबित हो सकते हैं। यूपी में पूर्वांचल का वोट काफी अहम है।
4. लोकगायक और छोटे पर्दे का सेलिब्रिटी स्टेटस
भोजपुरी के जाने-माने गायक मनोज तिवारी सांसद बनने से पहले न सिर्फ गाने गाते थे बल्कि अभिनय में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया। भोजपुरी फिल्मों और भोजपुरी गानों के अलबम से भी मनोज तिवारी को काफी पहचान मिली है। भोजपुरी के लोकगायक होने के नाते उन्हें पूर्वांचल के लोगों के बीच काफी पसंद किया जाता है। अक्सर जब कार्यक्रमों में उनसे गाना गाने की अपील की जाती है तो वे भोजपुरी ही गाते हैं। छोटे पर्दे पर भी वह काफी ज्यादा छाए रहे।
पढ़ें: नोटबंदी के बाद IAS कपल ने सिर्फ 500 रुपये में की शादी
5. केजरीवाल और AAP के खिलाफ आक्रामक चेहरा
बीजेपी ने दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के मुकाबले एक मजबूत चेहरा लाने की कोशिश की है। केंद्र की राजनीति में सक्रिय मनोज तिवारी अपने तेवर के लिए जाने जाते हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में दिल्ली में पहला चुनाव जीतकर उन्होंने अपना दिखाया था। मनोज तिवारी आम आदमी को कड़ी टक्कर दे सकते हैं।