Dehradun: ऑक्सीजन लाइन पर बढ़ा प्रेशर तो अटक गई 100 मरीजों की जान, फिर अस्पताल प्रशासन ने किया ये काम
Dehradun, April 22: कोरोना वायरस महामारी ने प्रदेश के स्वास्थ्य सिस्टम की पोल खोल दी है। अस्पतालों में बेड्स और ऑक्सीजन की भारी किल्लत है। तो वहीं, देहरादून जिले के राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में मंगलवार (20 अप्रैल) को एक साथ कई मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ गई। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वालों से संपर्क कर किसी तरह स्थिति संभाली। लेकिन ऑक्सीजन लाइन पर प्रेशर बढ़ने की वजह से आपूर्ति में आई में दिक्कत आ गई। इससे मरीजों की जान पर बन गई।
खबरों के मुताबिक, 20 अप्रैल की रात लगभग 100 से अधिक मरीजों को एक साथ ऑक्सीजन की जरूरत पड़ गई थी। इसके लिए ऑक्सीजन प्लांट से लाइन में आपूर्ति को सुचारू करने के लिए विशेषज्ञ और अन्य स्टाफ की सक्रियता बढ़ानी पड़ी। एक साथ बड़ी संख्या में लोगों को ऑक्सीजन देने के चलते लाइनों पर लोड बढ़ गया। जिसके कारण ऑक्सीजन की आपूर्ति मरीजों तक पहुंचने में दिक्कत होने लगी। सही तरीके से ऑक्सीजन नहीं मिलने से कई मरीजों की सांसें उखड़ने लगीं। हालात नियंत्रण से बाहर होने पर मेडिकल स्टॉफ ने अधिकारियों को सूचना दी।
इसके बाद राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन ने ऑक्सीजन आपूर्ति करने वाले फर्म के विशेषज्ञ संचालकों से संपर्क किया। जिसके बाद देर रात विशेषज्ञों ने मोर्चा संभाला और सभी लाइनों को चेक कर ऑक्सीजन प्लांट की मुख्य लाइन चेक करने के बाद आपूर्ति बहाल की गई। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केसी पंत ने बताया कि सभी विशेषज्ञों के सहयोग से समय पर स्थिति संभाल ली गई थी।
टल
गई
नासिक
जैसी
घटना
राजकीय
दून
मेडिकल
कॉलेज
प्रशासन
ने
समय
रहते
व्यवस्थाएं
संभाल
ली।
अगर
ये
व्यवस्थाएं
न
संभाली
होती
तो
यहां
भी
नासिक
(महाराष्ट्र)
की
जैसी
घटना
हो
सकती
थी।
दरअसल,
नासिक
में
ऑक्सीजन
की
समुचित
आपूर्ति
न
होने
की
वजह
से
करीब
24
मरीजों
की
जान
चली
गई
थी।
अस्पताल
प्रशासन
का
कहना
है
कि
ऑक्सीजन
के
मसले
पर
पूरी
तरह
से
नियम
बनाए
हुए
हैं।
किसी
भी
तरह
की
दिक्कत
आने
पर
तुरंत
उसका
समाधान
किया
जा
रहा
है।