रायपुर शहर में छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ नही हो सकेंगे बड़े प्रदर्शन, अगर करना है तो जाना होगा 25 किलोमीटर दूर
रायपुर, 10 मई। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शहर के भीतर बड़े प्रदर्शनो पर रोक लगा दिया है। शहर के भीतर केवल 100 लोग ही धरना दे सकेंगे। रायपुर कलेक्टर ने एक आदेश जारी करके कहा है कि रायपुर बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर केवल 100 लोग ही अनुमति के बाद धरना प्रदर्शन कर सकेंगे। इस प्रकार अगर कोई संगठन या राजनीतिक दल अधिक लोगो के साथ बड़ा प्रदर्शन करना चाहता है ,तो उसे शहर से 25 किलोमीटर दूर नवा रायपुर में जाकर प्रदर्शन करना होगा। बहरहाल विपक्ष ने सरकार के इस फैसले का विरोध शुरू कर दिया है। भाजपा का कहना है कि भूपेश बघेल सरकार चुनाव से ठीक डेढ़ साल पहले विरोध प्रदर्शनो को रोक लगाने का प्रयास कर रही है,ताकि जनता और विपक्ष की आवाज को दबाया जा सके।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का कहना कि भूपेश सरकार ने प्रदेश की जनता की आवाज को दबाने के लिए काला कानून लागू किया है, जिसका भारतीय जनता पार्टी पुरजोर विरोध कर 16 मई को जेल भरो आंदोलन करेगी। उन्होंने आगे कहा कि भूपेश बघेल सरकार हर मोर्चे पर विफल हो चुकी है। कांग्रेस को जनता के आक्रोश का डर सताने लगा कि जिस प्रकार कांग्रेस सरकार के खिलाफ लोगों में क्रोध बढ़ रहा है। ऐसे में कांग्रेस सरकर की खिलाफत रोकने के लिए काला कानून थोपकर लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। भाजपा नेता अमर अग्रवाल ने कहा कि 16 मई को भूपेश सरकार के तुगलकी आदेश का प्रतिकार करते हुए भाजपा कार्यकर्ता काला कानून का उल्लंघन करेंगे।
दरअसल छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आम लोगों को हो रही परेशानी का हवाला देते हुए रायपुर जिला प्रशासन ने अब बूढ़ा तालाब स्थित धरना स्थल पर बड़े धरना प्रदर्शनों पर रोक लगा दी है। जिसको लेकर जिला प्रशासन की ओर से आदेश भी जारी कर दिया गया है। आदेश कहा गया है कि अब मात्र 100 की संख्या में ही प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण आंदोलन कर सकेंगे। इस आंदोलन के लिए भी उसे प्रशासन से नियमपूर्वक अनुमति लेनी होगी। बड़े प्रदर्शन के लिए नवा रायपुर में पुराने राज्योत्सव के सामने मैदान को नया धरना स्थल तय किया गया है।