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सुप्रीम कोर्ट ने पलटा छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का फैसला, भूपेश सरकार को मिली मीसाबंदियों के मामले में बड़ी राहत

छत्तीसगढ़ में मीसाबंदियों की पेंशन रोके जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से छत्तीसगढ़ सरकार को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने बिलासपुर हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई है।

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रायपुर, 30 सितंबर। छत्तीसगढ़ में मीसाबंदियों की पेंशन रोके जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से छत्तीसगढ़ सरकार को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने बिलासपुर हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सरकार को मीसाबंदियों की पेंशन जारी करने 25 जनवरी को आदेश दिया था। इस आदेश को चुनौती देते हुए भूपेश बघेल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। 2019 में बघेल सरकार ने मीसाबंदियों के भौतिक सत्यापन और समीक्षा के लिए पेंशन पर रोक लगा दी थी।सरकार की तरफ से लगाई गई रोक को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी।

हाईकोर्ट ने दिया था मीसाबंदियों के पक्ष में फैसला

हाईकोर्ट ने दिया था मीसाबंदियों के पक्ष में फैसला

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के शासनकाल में मीसाबंदियों को पेंशन देने की सुविधा शुरू की गई थी। 2018 में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार बनने पर इस पेंशन को बंद कर दिया गया था। पेंशन रोके जाने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार के आदेश के खिलाफ मीसाबंदियों ने हाईकोर्ट में दस्तक दी थी। 25 जनवरी 2022 को इस प्रकरण में अदालत ने मीसाबंदियों के पक्ष में निर्णय सुनाया था।

हाईकोर्ट ने भूपेश सरकार से मीसाबंदियों पेंशन बहाल करने का आदेश सुनाया था। चीफ़ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने मीसाबंदियों को अपने फैसले से मीसाबंदियों को बड़ी राहत दी थी। इसके अलावा पूर्व में भी एकल पीठ ने भी मीसाबंदियों के हक में फैसला सुनाया था,जिसके खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार ने युगल पीठ में अपील की थी। ज्ञात हो कि तीस से अधिक मीसाबंदियों ने पेंशन की मांग को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका लगाई थी। इस प्रकरण में भूपेश बघेल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है।

कांग्रेस बोली,जनता से माफ़ी मांगे रमन सिंह

कांग्रेस बोली,जनता से माफ़ी मांगे रमन सिंह

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद छत्तीसगढ़ की सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने बयान जारी करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती रमन सरकार मीसाबंदी पेंशन के नाम पर जनता के गाढ़ी कमाई के पैसे को आरएसएस के कार्यकर्ताओं पर मोटी रकम लूटा रही थी।

2019 में कांग्रेस की सरकार ने इस पर बंदिश लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले को सही ठहराया है । अदालत के इस निर्णय के बाद जनता के धन के बंदरबांट के लिए पूर्व सीएम रमन सिंह को माफी मांगना चाहिए ।

कौन हैं मीसाबंदी ?

कौन हैं मीसाबंदी ?

इंदिरा गांधी सरकार के समय देश में 1975 में लगे आपातकाल के दौरान कानून मीसा लागू किया गया था। इस कानून का विरोध करके जेल जाने वाले लोगो को मीसाबंदी कहा जाता है। आपातकाल के दौरान मीसा कानून का विरोध करने के कारण उन्हें लोकतंत्र सेनानियों का दर्जा भी दिया गया था, लेकिन कई गैरभाजपा शासित राज्यों में मीसाबंदियों की पेंशन रोक दी गई हैं ।

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English summary
Supreme Court reversed the decision of Chhattisgarh High Court, Bhupesh government got big relief in the case of misbandi
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