छत्तीसगढ़ के आर्थिक हालातों पर सियासी जंग,Twitter पर भिड़े पूर्व CM डॉ रमन सिंह और CM भूपेश बघेल
Political battle over the economic conditions of Chhattisgarh, former CM Dr. Raman Singh and CM Bhupesh Baghel crowded on Twitterछत्तीसगढ़ , रमन सिंह , भूपेश बघेल , ट्वीटर , आर्थिक , कर्ज , वित्त , रायपुर ,भाजपा ,कांग्र
रायपुर ,27 जनवरी। आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहे छत्तीसगढ़ राज्य की भूपेश बघेल सरकार ने वित्तीय साख को बचाने की कोशिश शुरू कर दी है। राज्य के वित्त विभाग ने सभी निगम ,मंडलों और प्राधिकरणों को अपनी बची हुई राशि को " के डिपॉजिट " में जमा करने का है। मिली जानकारी के मुताबिक बीते 10 वर्षो में दूसरी बार ऐसा निर्देश जारी किया गया है। बहराहल मुद्दे पर सियासत गरमाने लगी है। छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने "के डिपॉजिट" के लिए जारी किये गए निर्देशों की कॉपी ट्वीटर पर साझा करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधा है, वही सीएम बघेल ने भी डॉ रमन सिंह का उनका कार्यकाल याद दिलाते हुए पलटवार किया है।
डॉ रमन सिंह ने ट्वीटर पर सीएम बघेल से सवाल करते हुए लिखा है कि "छत्तीसगढ़ सरकार दिवालिया हो गई है? शायद ही किसी राज्य में ऐसा होता हो कि निगम मंडलों में इमरजेंसी के लिए जमा राशि को सरकार के के- डिपॉजिट में जमा करने कहा जाए। 3 साल में 51000 करोड़ से अधिक का कर्ज, फिर भी ये स्थिति।भूपेश बघेल जी ने छत्तीसगढ़ को कांग्रेस का ATM बना दिया है।
तो वही सीएम भूपेश बघेल ने डॉ रमन सिंह के कार्यकाल के दस्तावेज ट्वीटर पर साझा करते हुए लिखा है कि "चिंतित हूं डॉक्टर साहब! कहीं आप स्मृतिलोप के शिकार तो नहीं हो गए हैं?
वही कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने भी डॉ रमन सिंह के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा है कि डॉक्टर साहब सत्ता के साथ ही लगता है, आपकी याददाश्त भी चली गई है। निगम मंडलों की राशि अगर के डिपॉजिट में जमा करवाना सरकार का दिवालियापन है , तो आपकी सरकार तो 2013 में ही दिवालिया हो गई थी। आपकी सरकार के कुछ आदेश साझा कर रहा हूं उम्मीद करता हूं याददाश्त वापस आ जाएगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद राज्य का वित्त विभाग संभालते हैं। राज्य की विशेष सचिव शारदा वर्मा के मुताबिक ऐसा किया जाना राज्य में वित्तीय प्रबंधन को बनाये रखने के लिए उपयोग में लाने वाली सामान्य प्रक्रिया है। प्रक्रिया के जरिये निगम ,मंडलों के बैंक खातों में रखी बची हुई राशि के डिपॉज़िट में जमा की करने के कारण होते हैं ।
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उन्होंने बताया कि ऑडिटर जनरल का निर्देश है कि बची हुई राशि को संचित निधि से बाहर नहीं रखा जाना है । इसके अतिरिक्त राशि को के डिपॉजिट में रखने से सम्बंधित निगम,मंडल या प्राधिकरण के मद में ही रिकॉर्ड की जाएगी। अगर निगम या मंडल को पैसो की जरूरत पड़ती है तब वह उनकी मांग कर सकता है।