दिलदार चोर, जो चोरी करने के बाद गरीबों में बांटता है कपड़ा-कंबल, देखिए वायरल Video
छत्तीसगढ़ का दिलदार चोर, जो चोरी करने के बाद पैसों से गरीबों में कंबल और कपड़े बांटता है। सोशल मीडिया पर इस चोर का कबूलनामा लोग काफी पसंद कर रहे हैं।
Filmi Thief: गरीबों का मसीहा, अक्सर आपने पुरानी फिल्मों में देखा होगा कि फिल्म का हीरो अमीर लोगों के पैसे लूटता है और फिर उसे गरीबों में बांट देता है। कुछ इसी तरह काम एक छत्तीसगढ़ के एक युवक ने किया है और वह पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। इस चोर का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है, जिसमे वह खुद इस बात को स्वीकार करता है कि उसने चोरी की, लेकिन चोरी के पैसों को उसने गरीबों में बांट दिया। चोर ने जिस तरह से पुलिस अधिकारी के सामने इस बात को कहा है, उसे लोग सोशल मीडिया पर काफी पसंद कर रहे हैं और उसे रॉबिन हुड चोर कह रहे हैं।
एसपी के सामने स्वीकार की चोरी
इस चोर का जो वीडियो सामने आया है उसमे देखा जा सकता है कि चोर एसपी के सामने इस बात को स्वीकार करता है कि उसने जो चीजें चुराई थीं उसकी कुल कीमत तकरीबन 10 हजार रुपए थी, लेकिन उसने इस पैसे को गरीबों में बांट दिया। रिपोर्ट के अनुसार यह वीडियो उस वक्त शूट किया गया जब कई चोरों को छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस अधिकारी चोर की बात को सुनकर हंस रहे हैं।
चोरी के बाद पछतावा
सोशल मीडिया पर इस वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, दिलदार चोर। वीडियो में चोर से एसपी पूछते हैं कि चोरी करने के बाद तुम्हें कैसा लगता है। इसके जवाब में चोर कहता है कि मुझे अच्छा लगा, जब मैं चोरी कर रहा था, लेकिन बाद में मुझे पछतावा भी होता है। इसके बाद एसपी पूछते हैं कि तुम्हें पछतावा क्यों होता है और तुमने कितनी चोरी की तो चोर कहता है कि मुझे पछतावा इसलिए होता है क्योंकि यह गलत है। मैंने 10000 रुपए की चीजें चुराई।
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जरूरतमंतों को कपड़ा और कंबल बांटा
यही नहीं जब एसपी चोर से पूछते हैं कि तुमने चोरी के पैसों का क्या किया तो चोर कहता है कि मैने उस पैसे को गरीबों में बांट दिया। मैंने गरीबों को कंबल बांटे, जरूरमंदों को कपड़े दिए। सोशल मीडिया पर यह वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। इसपर लोग अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, फिर तो चोरी नहीं है, अगर अमीरों से चोरी करके गरीबों को दे रहे हो तो अच्छा है। दूसरे ने लिखा, बेचारा बेरोजगार था और ख्वाहिश थी गरीबों की मदद करने की।