Nehru Memorial Museum नाम परिवर्तन पर भड़के सीएम भूपेश बघेल, कहा - लकीर मिटाने से योगदान के निशान नहीं मिटते
Nehru Memorial Museum CM Bhupesh Baghel on name change, said - erasing the streak does not erase the marks of his contributionदेश दिल्ली कांग्रेस
रायपुर,30 मार्च। केंद्र और राज्य की बीजेपी शासित सरकारें नाम परिवर्तन किये जाने को लेकर हमेशा चर्चाओं में रहती हैं। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अब नेहरू संग्रहालय का नाम बदलने का निर्णय लिया है । नई दिल्ली स्थित नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय को अब पीएम म्यूजियम के नाम से जाना जाएगा।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से नेहरू संग्रहालय का नाम बदलने के फैसले पर विरोध दर्ज कराते हुए भाजपा और पीएम मोदी पर निशाना साधा है। सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीटर के माध्यम से अपनी बात को कहा है कि जो खुद की लकीर बड़ी नहीं कर पाते, वो दूसरों की लकीर मिटाने की कोशिश करते हैं।
देश की राजधानी नई दिल्ली में स्थित नेहरू संग्रहालय यानि The Nehru Memorial Museum का नाम अब 'प्रधानमंत्री संग्रहालय रखा जाने वाला है। खबरों के मुताबिक इस संग्रहालय में देश के सभी 14 पूर्व प्रधानमंत्रियों की स्मृतियों को सहेजा जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी अंबेडकर जयंती यानि 14 अप्रैल को इसका उद्घाटन करने वाले हैं। बताया जा रहा है कि मंगलवार को हुई भाजपा के संसदीय दल की बैठक में नाम परिवर्तन के संबंध में फैसला लिया गया था।
भाजपा की बैठक में नेहरू संग्रहालय का नाम बदले जाने के फैसले पर कांग्रेस नाराज हो गई है। कांग्रेस के दिग्गज नेता और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीटर पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए लिखा है कि जो खुद की लकीर बड़ी नहीं कर पाते, वो दूसरों की लकीर मिटाने की कोशिश करते हैं।लेकिन अज्ञानतावश उनकी आत्ममुग्धता और संकीर्ण सोच इन्हें यह एहसास नहीं होने देती कि लकीर मिटाने से उनके योगदान के निशान नहीं मिटते। गांधी-नेहरू इस लोकतंत्र की आत्मा के संरक्षक हैं।
गौरतलब है कि देश की राजधानी में नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय की स्थापना जवाहरलाल नेहरू की याद में की गई थी। जिस संस्था ने इसकी स्थापना की थी,वह भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के नियंत्रण में आती है। नेहरू मेमोरियल संग्रहालय आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री के आधिकारिक बंगले , तीन मूर्ति भवन में बना हुआ है। यह संग्रहालय चार भागों में बंटा हुआ है,जिसमे से एक हिस्सा संग्रहालय, दूसरा आधुनिक भारतीय पुस्तकालय, समकालीन अध्ययनों से संबंधित है ,जबकि तीसरा हिस्सा केंद्र और नेहरू तारामंडल कहलाता है।
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