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Good News: छत्तीसगढ़ की कुपोषण दर में आई 2.1 प्रतिशत की कमी, वजन त्यौहार 2022 के आकंड़े जारी

छत्तीसगढ़ सरकार ने वजन त्यौहार 2022 के आंकड़े जारी किये हैं।आंकड़ों के मुताबिक राज्य में एक वर्ष में कुपोषण की दर में 2.1 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है,जबकि बच्चों के कुपोषण की दर 19.86 से घटकर 17.76 प्रतिशत पर पहुंच गई है।

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Suposhan Abhiyan: छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों में पहले कुपोषण एक बड़ी समस्या थी। 2018 में सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता मानते हुए संपूर्ण राज्य में मेें कुपोषण मुक्ति के लिए अभियान आरम्भ किया था। इस अभियान के सुखद परिणाम अब देश के सामने हैं। कुपोषण मुक्ति अभियान से लगातार सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा वजन त्यौहार 2022 के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। इसके अनुसार प्रदेश में पिछले एक वर्ष में कुपोषण के दर में 2.1 प्रतिशत की कमी आई है।

पिछले तीन सालों में कुपोषण की दर में 5.61 प्रतिशत की कमी

पिछले तीन सालों में कुपोषण की दर में 5.61 प्रतिशत की कमी

छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से कुपोषण दूर करने के मकसद से चलाये जाने वाले अभियान के तहत होने वाले वजन त्यौहार के आंकड़े देखें तो वर्ष 2019 में छत्तीसगढ़ में बच्चों में कुपोषण 23.37 प्रतिशत था, जो वर्ष 2021 में घटकर 19.86 प्रतिशत रह गया और 2022 में घटकर 17.76 प्रतिशत पर आ गया है। इस प्रकार पिछले तीन सालों में कुपोषण की दर में 5.61 प्रतिशत की कमी दिखाई दी है।

गौरतलब है कि 02 अक्टूबर 2019 से छत्तीसगढ़ में कुपोषण मुक्ति के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान शुरू किया गया है। इससे प्रदेश के लगभग 02 लाख 11 हजार बच्चे कुपोषण के चक्र से बाहर आ गए हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के 2020-21 में जारी रिपोर्ट के आंकड़े देखे जाएं, तो प्रदेश में 5 वर्ष तक बच्चों के वजन के आधार पर कुपोषण की दर 6.4 प्रतिशत कम होकर 31.3 प्रतिशत हो गई है। यह दर कुपोषण की राष्ट्रीय दर 32.1 फीसदी से भी कम है।

वजन त्यौहार के परिणामों को सभी कलेक्टरों को भी भेजा गया

वजन त्यौहार के परिणामों को सभी कलेक्टरों को भी भेजा गया

यह जानने योग बात है कि छत्तीसगढ़ में में बच्चों में कुपोषण दर के आंकलन हेतु हर साल वजन त्यौहार का आयोजन किया जाता है। वजन त्यौहार के दौरान प्रदेश के आंगनबाड़ियों में अभियान चलाकर बच्चों का वजन, ऊंचाई मापकर उनकी उम्र के आधार पर कुपोषण का आंकलन किया जाता है। इस दौरान बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाता है। संग्रहित आंकड़ों की ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में एंट्री कर पारदर्शी प्रक्रिया अपनायी जाती है। इस वर्ष प्रदेश में अगस्त माह मंें वजन त्यौहार का आयोजन किया गया था।

इस दौरान प्रदेश के 33 जिलों के 23 लाख 79 हजार 29 बच्चों का वजन लिया गया। इनमें 19 लाख 56 हजार 616 बच्चे सामान्य पाए गए, जबकि 04 लाख 22 हजार 413 बच्चों में कुपोषण की स्थिति देखी गई। इनमें 86 हजार 751 बच्चे गंभीर कुपोषण और 03 लाख 35 हजार 662 बच्चे मध्यम कुपोषित मिले। इसी प्रकार बच्चों की ऊंचाई के आधार पर बौने बच्चों का भी आंकलन किया गया है। इन आंकड़ों को जिलेवार, परियोजनावार, पंचायत और आंगनबाड़ीवार पृथक-पृथक संकलित किया गया है, जिससे आंकड़ों का विश्लेषण कर उचित कार्ययोजना के साथ सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ा जा सके। इन परिणामों को सभी कलेक्टरों को भी भेजा गया है।

मिले सकारात्मक परिणाम

मिले सकारात्मक परिणाम

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के माध्यम से कुपोषण मुक्ति के लिए प्रदेशव्यापी अभियान चलाया जा रहा है। महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और सुपोषण को प्राथमिकता क्रम में रखते हुए इसके लिए राज्य में डीएमएफ, सीएसआर और अन्य मदों की राशि का उपयोग किये जाने की अनुमति मुख्यमंत्री श्र बघेल ने दी है। जनसहयोग भी लिया गया है। योजना के तहत कुपोषित महिलाओं, गर्भवती और शिशुवती माताओं के साथ बच्चों को गरम भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। राशन में आयरन और विटामिन युक्त फोर्टीफाइड चावल और गुड़ देकर लोगों के दैनिक आहार में विटामिन्स और मिनरल्स की कमी को दूर करने का प्रयास किया गया है।

रेडी टू ईट में शामिल किये गए पौष्टिक आहार

रेडी टू ईट में शामिल किये गए पौष्टिक आहार

यह महत्त्वपूर्ण है कि कुपोषण मुक्ति अभियान के तहत राज्य में गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक रेडी टू ईट और स्थानीय उपलब्धता के आधार पर पौष्टिक आहार देने की भी व्यवस्था की गई है। महिलाओं और बच्चों को फल, सब्जियों सहित सोया और मूंगफली की चिक्की, पौष्टिक लड्डू, अण्डा सहित मिलेट्स के बिस्कुट और स्वादिष्ठ पौष्टिक आहार के रूप में दिया जा जा रहा है। इससे बच्चों में खाने के प्रति रूचि जागने से कुपोषण की स्थिति में सुधार आया है। प्रदेश में कुपोषण मुक्ति के लिए विभिन्न विभागों के साथ योजनाओं कोे एकीकृत कर समन्वित प्रयास किये जा रहे हैं। इससे तेजी से महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य के साथ पोषण स्तर में सुधार देखा गया है।

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English summary
Good News: Malnutrition rate of Chhattisgarh decreased by 2.1 percent, data released for weight festival 2022
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