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CM भूपेश ने लिखा HM अमित शाह को पत्र, केंद्र से मांगी एथेनॉल रिफाइनरी खोलने की अनुमति

शनिवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर धान की फसल के अवशेष से एथेनॉल उत्पादन के लिए रिफाइनरी स्थापित कराने की मांग की है।

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रायपुर, 24 सितंबर। छत्तीसगढ़ सरकार एक बार फिर केंद्र सरकार के सामने अपनी मांग दुहराई है। शनिवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर धान की फसल के अवशेष से एथेनॉल उत्पादन के लिए रिफाइनरी स्थापित कराने की मांग की है। सीएम बघेल ने प्रदेश में तेल कंपनियों के माध्यम से एक वाणिज्यिक और एक प्रदर्शन परियोजना की मंजूरी प्रदान करते हुए दूसरी पीढ़ी के एथेनॉल रिफाइनरी की स्थापना की कार्रवाई का निर्देश देने का आग्रह किया है। गौरतलब है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह राज्यों में सहयोग के एक संवैधानिक मंच मध्य क्षेत्रीय परिषद के अध्यक्ष भी हैं।

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सीएम भूपेश बघेल ने चिट्ठी में मध्यक्षेत्र परिषद की 22 अगस्त को भोपाल में हुई मीटिंग का हवाला देते हुए लिखा है, मेरे द्वारा राज्य में, प्रधानमंत्री 'जी-1' योजना (जैव ईंधन-वातावरण अवशेष निवारण) के अंतर्गत फसल अवशेषों के निवारण के लिए लिग्नों सेल्यूलॉजिक बायोमॉस आधारित बायो एथेनॉल उत्पादन हेतु नासिरेजलर (2जी) के संबंध में भारत सरकार की तेल विपणन कम्पनी द्वारा रिफाइनरी स्थापित किए जाने का अनुरोध किया गया था। छत्तीसगढ़ राज्य में कृषि फसलों विशेषकर, धान का अनुमानित वार्षिक उत्पादन 137 लाख मीट्रिक टन है। इससे मिलने वाले बायोमॉस के निपटान के लिए (2जी) लिग्नों सेल्यूलॉजिक बायोमॉस आधारित रिफाइनरी के लिए राज्य में समस्त अनुकूल परिस्थितियां उपलब्ध है।


सीएम भूपेश बघेल ने पत्र में आहे लिखा है कि राज्य सरकार के नगरीय निकाय और गौठान समितियों के द्वारा बैकवार्ड लिंकेज के माध्यम से लिग्नों सेल्यूलॉजिक बायोमॉस उपलब्ध कराने के लिए भी स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप किया जा सकता है। इसके माध्यम से योजना के उद्दश्यों की पूर्ति के लिये निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार कृषि अवशेषों को जलाने से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण एवं नगरीय क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट निपटान की समस्या में कमी की जा सकेगी।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार की योजना बचे हुए धान से एथेनॉल बनाने की है।भूपेश बघेल सरकार का मानना है कि इससे किसानों की बची हुई उपज के भी बेहतर कीमत मिल जाएगी । वहीं जैविक ईधन उत्पादन से देश का धन भी बचेगा। केंद्र सरकार ने अभी तक धान से एथेनॉल बनाने की मंजूरी नहीं दी है। चावल के छोटे टुकड़े यानि कनकी से मल्टीफीड प्लांट में एथेनॉल बनाने की अनुमति है। छत्तीसगढ़ सरकार केंद्र से धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति लगातार मांग रही है।
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English summary
CM Bhupesh wrote a letter to HM Amit Shah, sought permission from the Center to open ethanol refinery
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