महज 3 सेकेंड में गिरा दी 11 मंजिला इमारत, वीडियो में देखिए हैरतअंगेज नजारा
चेन्नई। ढाई साल पहले चेन्नई के मौलिवक्कम में 11 मंजिला ट्विन टावर का एक हिस्सा निर्माण के दौरान ढह गया था जिसमें 61 लोगों की मौत हो गई थी।
बुधवार की शाम में इस बिल्डिंग के दूसरे हिस्से को महज 3 सेकेंड के अंदर विस्फोट से गिरा दिया गया। इस हैरतअंगेज नजारे का वीडियो आप नीचे देख सकते हैं।
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बिल्डिंग का नाम था 'फेथ एंड बिलीफ'
2014 में 61 लोगों की जान लेने वाले इस ट्विन टावर का नाम फेथ एंड बिलीफ था। 28 जून 2014 को भारी बारिश के दौरान इस बिल्डिंग का एक टावर ढह गया और कंस्ट्रक्शन वर्कर्स इसकी चपेट में आ गए।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बिल्डिंग की खामियों के बारे में बताया जिसके बाद मई में सुप्रीम कोर्ट ने इसके बचे हुए बाकी हिस्से को भी गिराने का आदेश दिया। इसके बाद कांचीपुरम जिला प्रशासन बिल्डिंग को गिराने की तैयारी में लग गया।
महीनों खिंच गई बिल्डिंग पर कानूनी लड़ाई
2014 में जब इस टावर ने 61 लोगों की जान ली थी तभी से तमिलनाडु सरकार इस बिल्डिंग को गिराने के पक्ष में थी। लेकिन बिल्डर ने इसके खिलाफ मद्रास हाई कोर्ट में अर्जी दी और लंबी कानूनी लड़ाई चली।
इस 11 मंजिला इमारत को गिराने के लिए तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली। 12 मई को सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डिंग गिराने का फैसला दिया।
50 लाख रुपए में गिराई गई बिल्डिंग
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कांचीपुरम जिला प्रशासन ने चेन्नई मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट ऑथोरिटी को इस पर आगे कार्रवाई करने को कहा। त्रिपुर की एक कंपनी ने बिल्डिंग को गिराने का जिम्मा लिया।
बुधवार की शाम 6.52 मिनट पर महज तीन सेकेंड में विस्फोट करके यह बिल्डिंग गिरा दी गई। इस पूरी कार्रवाई पर सरकार के 50 लाख रुपए खर्च हुए।
कैसे गिराई गई इतनी बड़ी बिल्डिंग?
बुधवार को 2 बजे से 4 बजे के बीच बिल्डिंग को ढहाया जाना था लेकिन कुछ तकनीकी वजहों से इसे कुछ घंटे के लिए टाला गया। 6.52 मिनट पर विस्फोट कर इसे जमींदोज कर दिया गया।
बिल्डिंग गिराने से पहले कांचीपुरम जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी की थी। इलाके के लोगों को वहां से हटाकर सुरक्षित जगह ठहराया गया था। स्कूलों और कार्यालयों में छुट्टी की गई थी।