RBI Monetary Policy: आरबीआई का फैसला, रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं
नई दिल्ली, 8 अक्टूबर। कोरोना वायरस संकट के बीच आज (शुक्रवार) रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आईबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौदिक नीति की घोषणा की। आईबीआई ने बड़ा फैसला लेते हुए रेपो रेट में कोई बदलाव न करते हुए इसे 4 फीसदी पर ही रखा है। वहीं, रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35 प्रतिशत पर जारी रखते हुए कोई परिवर्तन नहीं किया गया। बता दें कि आईबीआई ने पिछली मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने की घोषणा की थी।
Recommended Video
इस बार की आरबीआई एमपीसी की बैठक 6 अक्टूबर को शुरू हुई थी। मालूम हो कि पिछली बार मई, 2020 में रेपो रेट में बदलाव किया गया था। तब आरबीआई ने ब्याज दरों में 0.40 फीसदी (40 बीपीएस) की कटौती की थी जिसके बाद रेपो रेट घटकर 4 फीसदी हो गया था। शुक्रवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि जब तक मुद्रास्फीति लक्ष्य के भीतर बनी रहती है, तब तक मौद्रिक नीति का रुख विकास को पुनर्जीवित करने और बनाए रखने की ओर होता है। इसके साथ ही वर्तमान में यह कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए भी आवश्यक है।
यह भी पढ़ें: बड़ी खबर: आरबीआई ने RBL समेत इन बैंकों पर लगाया भारी भरकम जुर्माना, जानिए क्या होगा खाताधारकों पर असर
शक्तिकांत दास ने आगे कहा,
भारतीय अर्थव्यवस्था की रिकवरी जोर पकड़ रही है, पिछली एमपीसी बैठक की तुलना में यह बेहतर स्थिति में है। इस अवधि में अर्थव्यवस्था को महामारी के कहर से बचाने के लिए रिजर्व बैंक ने अप्रत्याशित संकट से निपटने के लिए 100 से अधिक उपाय किए हैं। हमने वित्तीय बाजार को चालू रखने के लिए नए और अपरंपरागत उपाय करने में संकोच नहीं किया है। इस बार हमारी अर्थव्यवस्था के आर्थिक बुनियादी ढांचे के लचीलेपन के कारण सामान्य समय की ओर बढ़ने की उम्मीद है। विकास की गति मजबूत होती दिख रही है। मुद्रास्फीति ट्रेजेक्टरी अनुमान से अधिक अनुकूल हो रही है।