क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

ऑनलाइन फ्रॉड से आपके पैसे बचाने वाली ये पॉलिसी जानते हैं आप?

By Anujkumar Maurya
Google Oneindia News

नई दिल्ली। ऑनलाइन फ्रॉड की बढ़ती शिकायतों को ध्यान में रखते हुए रिजर्व बैंक ने ग्राहकों के लिए एक खास पॉलिसी बनाई है। इस पॉलिसी का नाम है 'जीरो लाइबिलिटी'। इस पॉलिसी के तहत अगर किसी ग्राहक के साथ कोई ऑनलाइन फ्रॉड होता है वह फ्रॉड होने के तीन के अंदर-अंदर अपने बैंक को सूचित कर देता है तो फिर उसे हुए पूरे नुकसान की भरपाई बैंक को ही करनी होगी।

online fraud

अगर किसी व्यक्ति को उसके साथ हुए इस तरह के धोखे के बारे में चार से सात दिन बाद पता चलता है तो ऐसी स्थिति में ग्राहक की जिम्मेदारी सिर्फ 5000 रुपए तक होगी। गुरुवार को जारी हुए एक नोटिफिकेशन के अनुसार रिजर्व बैंक ने कहा कि किसी भी तरह के फ्रॉड के लिए बैंक के कर्मचारी दोषी हैं। ग्राहक को उसके पैसे वापस मिलने ही चाहिए, चाहे वह समय से बैंक को फ्रॉड की सूचना दे या नहीं।

RBI गर्वनर ने कहा, मैं PM मोदी पर कुछ भी बोलूंगा तो बखेड़ा खड़ा हो जाएगाRBI गर्वनर ने कहा, मैं PM मोदी पर कुछ भी बोलूंगा तो बखेड़ा खड़ा हो जाएगा

तीन दिनों की सीमा तब से शुरू होगी, जब उसे बैंक की तरफ से उसके खाते से किसी तरह की ट्रांजैक्शन होने का नोटिफिकेशन प्राप्त होता है। यह नोटिफेकेशन एसएमएस, ईमेल या फिर किसी अन्य माध्यम से भेजा गया हो सकता है। इससे बैंकों पर इस बात का भी दबाव बनता है, कि किसी भी तरह की ट्रांजैक्शन होने पर वे जल्द से जल्द इसकी सूचना ग्राहकों तक भेजें।

दिग्गज बैंक की वेबसाइट पर हैकर ने लिखा, पाकिस्तान जिंदाबाददिग्गज बैंक की वेबसाइट पर हैकर ने लिखा, पाकिस्तान जिंदाबाद

यह नियम सभी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन पर लागू होंगे। इसमें नेट बैंकिंग, कार्ड से भुगतान या मोबाइल वॉलेट से किए गए भुगतान सभी शामिल हैं। अगर कोई ग्राहक अपना पासवर्ड या फिर अन्य जानकारियां किसी को देता है, तो किसी भी ट्रांजैक्शन के लिए वह खुद जिम्मेदार होगा, जब तक कि वह बैंक को अपनी इस असावधानी के बारे नहीं बताता। जैसे ही वह बैंक को इसके बारे में बता देता है, तो ग्राहक को हुए किसी भी नुकसान के लिए बैंक जिम्मेदार होंगे।

विरोधियों से बोले राजन, अभी खुले हैं रुकने के रास्तेविरोधियों से बोले राजन, अभी खुले हैं रुकने के रास्ते

बैंकों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह हर शिकायत का निपटारा 90 दिनों के भीतर कर लें और यह सुनिश्चित करें कि ग्राहक को किसी भी प्रकार का कोई नुकसान न हो, जैसे देरी से भुगतान की फीस या ब्याज। यह नए प्रस्तावित नियम बैंकों की जिम्मेदारी पहले के मुकाबले कहीं अधिक बढ़ा देंगे। फिलहाल बैंकों के सिर्फ एक सीमा तक ही मुआवजा देना होता है। साथ ही इस सीमा के निर्धारण का अधिकार बैंक के बोर्ड के पास होता है। बोर्ड ग्राहक से बैंक से रिश्तों को ध्यान में रखते हुए यह मंजूरी देता है कि किसे कितना मुआवजा देना है।

राजन का आलोचकों पर निशाना, बोले- नाम बदलकर कहते हैं थैंक्यूराजन का आलोचकों पर निशाना, बोले- नाम बदलकर कहते हैं थैंक्यू

ग्राहक अपने साथ हुए फ्रॉड के बारे में बैंक को सूचित करने के लिए वेबसाइट, एसएमएस, आईवीआर, टोल फ्री नंबर आदि का प्रयोग कर सकते हैं या फिर वह सीधे बैंक की किसी ब्रांच में भी इसकी सूचना दे सकते हैं। नियमों में ये सख्ती उस समय की गई है, जब मोबाइल और ऑनलाइन भुगतान 100 फीसदी की दर से बढ़ रहे हैं।

फिलहाल भुगतान कंपनियां यह मांग कर रही हैं कि टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (कार्ड के साथ पिन या पासवर्ड मुहैया कराना) को भी उन भुगतानों के लिए खत्म कर दिया जाए, जो कम मूल्य के होते हैं। नए नियमों के जरिए रिजर्व बैंक अपेक्षा कर रहा है कि बैंक अपने सिस्टम को और अधिक मजबूत बनाएंगे, ताकि किसी तरह का फ्रॉड न हो सके।

English summary
reserve bank made a new policy which saves you from the online fraud and your bank will give you the whole amount you lost.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X