रिजर्व बैंक के नए गवर्नर के सामने होंगी ये 5 चुनौतियां
नई दिल्ली। रघुराम राजन के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अगले गवर्नर कौन होंगे इसका खुलासा हो गया है। उर्जित पटेल आरबीआई के नए गवर्नर होंगे। कई दिनों से आरबीआई गवर्नर के पद को लेकर कयास लगाए जा रहे थे इस बीच केंद्र सरकार ने नए आरबीआई गवर्नर के तौर पर उर्जित पटेल को नियुक्त किया है।
उर्जित पटेल चार सितंबर को अपना पद संभालेंगे, जब रघुराम राजन आरबीआई गवर्नर के तौर पर अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने उर्जित पटेल का चुनाव आरबीआई गवर्नर के तौर पर किया है। 4 सितंबर को वह अपना कार्यकाल संभालेंगे जो तीन साल के लिए होगा।
उर्जित पटेल होंगे नए आरबीआई गवर्नर, राजन की जगह लेंगे
1- बैड लोन
बैंकिंग सेक्टर में बैड लोन काफी अधिक बढ़ गया है, जिससे निपटना उर्जित पटेल के लिए बड़ी चुनौती होगी। पिछले कुछ समय में धीमी ग्रोथ, पोजेक्ट्स के शुरू होने में देरी और विलफुल डिफॉल्टर्स की वजह से बैड लोन में काफी तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। अब देखना होगा कि रघुराम राजन से इतर उर्जित पटेल इस बैड लोन से निपटने के लिए क्या रणनीति अपनाते हैं।
आपको बता दें कि पिछले 12 महीनों में 39 लिस्टेड बैंकों का ग्रॉस एनपीए करीब 96 फीसदी बढ़ा है। जून 2015 में यह 3.2 लाख करोड़ रुपए था, लेकिन जून 2016 तक यह बढ़कर 6.3 लाख करोड़ रुपए हो गया है।
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2- मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी
पटेल पहले गवर्नर होंगे जो मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी के तहत ब्याज दरें तय करने पर फैसला लेंगे। यह कमेटी 6 सदस्यीय होगी, जो ब्याज दरों का निर्धारण करेगी। इस कमेटी के प्रमुख रिजर्व बैंक के गवर्नर ही होंगे, लेकिन ब्याज दरें तय करने में उनके पास वीटो पावर नहीं होगी। वो सिर्फ उस केस में अपना वोट दे सकते हैं, जब टीम के सदस्यों के बीच किसी बात पर फैसला टाई हो जाता है यानी आधे लोग हां के पक्ष में हो और आधे ना के।
3- रुपया और एफसीएनआर
इस समय रुपए की कीमत डॉलर की तुलना में 67 रुपए हो गई है। अगले तीन महीनों में रुपया और अधिक कमजोर हो सकता है। सितंबर और नवंबर के बीच एफसीएनआर (फॉरेन करंसी नॉन रेसीडेंट) डिपॉजिट में से पैसों की निकासी होगी। आपको बता दें कि अगस्त 2013 में रुपए में रिकॉर्ड गिरावट आई थी, जिसके बाद यह एक डॉलर के मुकाबले 68.80 पर पहुंच गया था।
इस गिरावट के बाद बैंकों ने तीन साल के लिए एफसीएनआर स्कीम के तहत पैसा डिपॉजिट कराया था, जिसकी मियाद सिंतबर से नवंबर के बीच में पूरी हो रही है। आरबीआई के अनुसार करीब 20 अरब डॉलर इन एफसीएनआर डिपॉजिट से निकाल लिया जाएगा, जिसके चलते रुपए की कीमत और अधिक गिरावट आ सकती है। उर्जित पटेल को इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि कैसे रुपए को संभाला जाए।
4- न्यू डिजिटल बैंक
आने वाले महीनों में डिजिटल पेमेंट और पेमेंट बैकों का काम शुरू होगा। आपको बता दें कि पेमेंट बैंक ऐसे बैंक हैं, जो सामान्य बैंक से अलग होते हैं। पेमेंट बैंकों के पास पैसे जमा करने का अधिकार तो होता है, लेकिन वे किसी को कर्ज नहीं दे सकते हैं। पिछले साल अगस्त में ही रिजर्व बैंक ने 11 आवेदकों को पेमेंट बैंक का लाइसेंस दिया था। पेमेंट बैंकों की कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से चलाना भी उर्जित पटेल के सामने एक बड़ी चुनौती होगी।
5- राजनीतिक रिश्ते
उर्जित पटेल के सामने एक चुनौती यह भी होगी कि वह आखिर कैसे राजनीतिक रिश्तों को संभालते हैं। कैसे राजनीति और बैंकिंग के फैसलों में संतुलन बनाते हैं।