New Labour Codes:4 दिन काम, 3 दिन आराम, 48 घंटे में फुल एंड फाइनल, जानें कहां फंसा है पेंच
New Labour Codes: जानें कहां फंसा है पेंच
नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से नए लेबर कोड (New wage code 2022) को लेकर खूब चर्चा हो रही है। चर्चा जोरों पर थी कि इसे 1 जुलाई से देशभर में लागू कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। दरअसल कुछ राज्यों के कारण ये मामला फंसा हुआ है। केंद्र सरकार चाहती हैं कि पूरे देश में एक साथ इसे लागू किया जाए, लेकिन अभी भी कई राज्यों की ओर से इसके प्री पब्लिश्ड ड्राफ्ट पर हामी नहीं भरी गई है, जबकि 23 राज्यों ने इस ड्राफ्ट को अपनाने की स्वीकृति दे दी है। ऐसे में कुछ राज्यों के कारण ये मामला अभी भी फंसा हुआ है और केंद्र सरकार को उन राज्यों की भी हामी का इंतजार है।
नौकरीपेशा लोगों के लिए बदलाव
नया
लेबर
कोड
लागू
होने
के
बाद
नौकरीपेशा
लोगों
के
लिए
काम
के
तौर
तरीके
में
बदलाव
हो
जाएगा।
न्यू
वेज
कोड
में
4
लेबर
कोड
लागू
होने
हैं,
जिसके
बाद
इन
हैंड
सैलरी
से
लेकर,
पीएफ
,
वर्किंग
ऑवर
से
लेकर
वीकऑफ
तक
के
नियमों
में
कई
बदलवा
हो
जाएंगे।
राज्य
के
ड्राफ्ट
इनपुट
पर
चर्चा
की
जा
रही
है।
अब
तक
23
राज्यों
की
तरफ
से
ड्राफ्ट्स
दाखिल
किए
जा
चुके
हैं,
बाकि
राज्यों
के
इनपुट
का
इंतजार
किया
जा
रहा
है।
4 दिन काम 3 दिन आराम
नया
लेबर
कोड
लागू
होने
के
बाद
हफ्ते
में
4
दिन
वर्किंग
और
3
दिन
वीकऑफ
का
प्रावधान
मिलेगा।
हालांकि
4
डेज
वर्किंग
में
कर्मचारियों
के
काम
के
घंटे
बदल
जाएंगे।
यानी
काम
के
घंटे
बढ़
जाएंगे।
कर्मचारियों
को
8
या
9
घंटे
के
बजाए
12
घंटे
की
शिफ्ट
करनी
पड़ेगी।
पूरे
हफ्ते
कर्मचारियों
को
48
घंटे
का
काम
करना
होगा।
वहीं
हफ्ते
में
तीन
दिन
वीकऑफ
का
भी
प्रावधान
है।
48 घंटे में फुल एंड फाइनल
नया
लेबर
कोड
लागू
होने
के
बाद
नौकरी
छोड़ने
के
दो
दिनों
के
भीतर
कर्मचारियों
का
पूरा
फुल
एंड
फाइनल
सेटलमेंट
हो
जाएगा।
नए
लेबर
कोड
में
इसे
लेकर
प्रावधान
है,
जिसके
मुताबिक
कंपनी
छोड़ने
पर
,
या
बर्खास्त
किए
जाने
पर
कंपनी
को
कर्मचारी
की
सैलरी
का
फुल
एंड
फाइनल
सेटलमेंट
2
दिनों
के
बीतर
करना
होगा।
मौजूदा
नियम
के
मुताबिक
कर्मचारी
के
नौकरी
छोड़ने
के
45
से
60
दिन
बाद
फुल
एंड
फाइनल
सेटलमेंट
होता
है।
कई
बार
तो
कंपनियां
इसमें
90
दिन
का
वक्त
भी
ले
लेती
हैं,
लेकिन
नया
लेबर
कोड
लागू
होने
के
बाद
कंपनियों
की
ये
मनमानी
खत्म
हो
जाएगी।
बदल जाएगा छुट्टियों का रूल
नए लेबर कोड के लागू होने छुट्टियों के नियम भी बदल जाएगा। मौजूदा लेबर कोड के मुताबिक कर्मचारियों को छुट्टी के लिए 240 दिन काम करना जरूरी था, लेकिन नए लोबर कोड में इसे घटाकर 180 दिन कर दिया गया है। नए लेबर कोड के प्रावधान के मुताबिक आप अपनी बची हुई छुट्टियों को साल के अंत में कैश करवा सकते हैं। नए नियम के मुताबिक नियोक्ताओं को हाल के अंत में कर्मचारियों की बची छुट्टियों को कैश करना अनिवार्य होगा।
इन हैंड सैलरी घटेगी
नए लेबर कोड के प्रावधान के तहत आपकी इन हैंड सैलरी घटेगी। आपकी सैलरी में बेसिक सैलरी का हिस्सा 50 फीसदी तक हो जाएगा। बाकी बचे 50 फीसदी में अलाउंस होंगे। जिससे आपकी इन हैंड सैलरी घटेगी, क्योंकि तमाम डिडक्शन मूल वेतन पर होते हैं, जबकि बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी होगी तो आपकी PF कंट्रीब्यूशन बढ़ जाएगा।
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