डीजल-पेट्रोल से कटी आम आदमी की जेब, पैसा पहुंचा सरकारी खजाने में!
नई दिल्ली। भले ही डीजल-पेट्रोल के दामों में हो रही बढ़ोत्तरी से आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ता जा रहा हो, लेकिन सरकार की जेब खूब भारी हो रही है। बीते वित्त वर्ष में अप्रत्यक्ष करों में कई बार की गई बढ़ोत्तरी से सरकारी खजाने में 2.67 लाख करोड़ रुपए की रकम आई। मध्य प्रदेश के नीमच में रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ को राजस्व विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार अप्रत्यक्ष करों से सरकार की तगड़ी आमदनी हुई है।
क्या
पूछा
था
गौड़
ने?
चंद्रशेखर
गौड़
ने
सूचना
के
अधिकार
के
तहत
राजस्व
विभाग
से
पूछा
था
कि
2012-13
से
2016-17
तक
पेट्रोलियम
उत्पादों
पर
केन्द्रीय
शुल्क
से
सरकार
को
कितना
राजस्व
मिला
है?
विभाग
ने
जवाब
में
बताया
है
कि
सरकार
को
वित्तीय
वर्ष
2016-17
में
2.67
लाख
करोड़
रुपए
की
आमदनी
हुई
है,
जबकि
2012-13
में
98,602
करोड़
रुपए
का
राजस्व
सरकार
को
मिला
था।
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5
साल
में
तीन
गुना
हुई
कमाई
2013-14
में
1,04,163
लाख
करोड़
रुपए
का
राजस्व
मिला।
2014-15
में
यह
राजस्व
बढ़कर
1,22,926
करोड़
रुपए
हो
गया।
वहीं
2015-16
में
यह
आंकड़ा
बढ़कर
2,03,825
करोड़
रुपए
हो
गया।
अगर
पिछले
5
साल
के
आंकड़ों
पर
ध्यान
दिया
जाए
तो
सरकार
की
आमदनी
करीब
तीन
गुना
हो
गई
है।
2012-13
में
पेट्रोल
से
23,710
करोड़
रुपए
और
डीजल
से
22,513
करोड़
रुपए
का
राजस्व
मिला।
2016-17
में
पेट्रोल
से
66,318
करोड़
रुपए
और
डीजल
1,24,266
करोड़
रुपए
का
राजस्व
मिला।