लॉकडाउन के चलते अप्रैल में नहीं बिकी मारुति की एक भी कार, बिक्री रही ZERO
नई दिल्ली। कोविड 19 महामारी ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। देश की दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनी मारुति सुजुकी को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने अप्रैल की सेल्स के आंकड़े जारी किए हैं। इसमें कंपनी की ओर से बताया गया है कि अप्रैल के महीने में घरेलू बाजार में कंपनी ने बिक्री शून्य रिकॉर्ड की है। गाड़ियों की सेल ना हो पाने की वजह लॉकडाउन बताई गई है। इतिहास में ये पहला ऐसा मौका है जब कार की बिक्री का आंकड़ा शून्य रहा। देश में सबसे ज्यादा कार बेचने वाली कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड से लेकर लग्जरी कार बेचने वाली मर्सिडीज, ऑडी तक सभी का ऐसा ही हाल है।
अप्रैल में नहीं बिकी एक भी कार
देश की सबसे बड़ी ऑटोमोटिव इंडस्ट्री मारुति सुजुकी में शुक्रवार को सेल्स रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि जब अप्रैल में कंपनी की एक भी कार नहीं बिकी। उन्होंने आगे बताया कि सरकार के आदेश के बाद उन्होंने 22 मार्च को अपने ऑपरेशन बंद कर दिए थे। ऐसा पहली बार हुआ कि अप्रैल में मारुति सुजुकी ने एक भी गाड़ी नहीं बेची। हालांकि, बंदरगाहों के खुलने के बाद कंपनी ने मूंदड़ा बंदरगाह से 632 कारों का निर्यात किया है। निर्यात के लिए सभी सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन किया गया है।
मार्च में मारुति सुजुकी की बिक्री में 47 फीसद की गिरावट
मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा कि मई में भी इसी तरह के हालात रहने की उम्मीद है। और यह पूरी तरह से कोरोनावायरस पर ही निर्भर करता है। मारुति सुजुकी ने 22 मार्च को सेल्स एंड प्रोडक्शन को निलंबित कर दिया था, जिस समय देश में जनता कर्फ्यू लगाया गया था। मार्च महीने में भी मारुति सुजुकी ने कुल बिक्री में 47 फीसद की गिरावट दर्ज की थी जो कि यह सिर्फ 21 दिन की बिक्री थी। बता दें कि, मारुति सामान्य दिनों में औसतन हर महीने 1.5 लाख कार बनाती है।
मानेसर प्लांट में आंशिक तौर पर कामकाज शुरू
इसके अलावा मारुति सुजुकी ने हरियाणा में अपने मानेसर प्लांट में आंशिक रूप से परिचालन सिंगल शिफ्ट में फिर से शुरू कर दिया है। देश की ऑटो इंडस्ट्री प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से 40 मिलियन ( यानी 4 करोड़) से अधिक लोगों को रोजगार देती है। वहीं, ये देश की जीडीपी में 8% और सरकार के टैक्स कलेक्शन में 15% का योगदान देती है। सरकार ने कोविड -19 हॉटस्पॉट के बाहर रहने वाली फैक्ट्रियों को शुरू करने की परिमिशन दे दी थी, लेकिन ऑटोमेकर्स कंपनियों ने अभी अपने प्लांट को शुरू नहीं किया है। वे स्थिति के सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं।
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