व्हिसिल ब्लोअर को Infosys के चेयरमैन का करारा जवाब, भगवान भी नहीं बदल सकते नंबर
नई दिल्ली। व्हिसिल ब्लोअर यानी अज्ञात कर्मचारियों के आरोपों का इन्फोसिस के चेयरमैन नंदल नीलेकणि ने करारा जवाब दिया है। नीलेकणि ने कहा कि कंपनी के नंबर को भगवान भी नहीं बदल सतता, अनजान लोगों द्वारा लगाए गए आरोप केवल एक 'शरारती विद्रोह' है। बता दें कि कंपनी के कुछ अज्ञात कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि इन्फोसिस अपनी आय और मुनाफे में हेरफेर कर गलत डाटा पेश कर रही है। इन्फोसिस के चेयरमैन ने सभी आरोपों को निराधार बताया है।
देश की दूसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इन्फोसिस इन दिनों मुश्किलों का सामना कर रही है। हाल ही में कंपनी के कार्यकारी अधिकारी सलिल पारेख और वित्त अधिकारी निलांजन रॉय के खिलाफ गंभीर आरोप लगे थे। इस मामले पर चेयरमैन नीलेकणि ने स्वतंत्र जांच कराए जाने की बात कही थी। बुधवार को व्हिसिल ब्लोअर के द्वारा लगाए गए कंपनी के मुनाफे में हेरफेर के आरोपों पर चेयरमैन नीलेकणि ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे आरोप लगाए जाने का मतलब यही होता है कि कुछ सम्मानित और कर्मठ लोगों को बदनाम किया जा सके।
संस्थापकों
ने
कंपनी
के
लिए
जीवन
दिया
उन्होंने
कहा
कि,
हमारे
संस्थापकों
ने
कंपनी
के
लिए
अपनी
जिंदगी
दांव
पर
लगा
दी
और
हम
उनका
सम्मान
करते
हैं।
इन
लोगों
ने
निस्वार्थ
भाव
से
कंपनी
की
सेवा
की
है
और
आज
भी
संस्थान
को
नई
ऊंचाईयों
पर
ले
जाने
के
लिए
कार्यरत
हैं।
नीलेकणि
ने
बताया
कि,
व्हिसिल
ब्लोअर
के
शिकयतों
की
जांच
करने
के
लिए
कंपनी
ने
एक
एक्सटर्नल
लॉ
फर्म
को
हयार
किया
है,
जांच
पूरी
हो
जाने
के
बाद
रिपोर्ट
सार्वजनिक
की
जाएगी।
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आरोपों
से
कंपनी
को
हुआ
नुकसान
बता
दें,
सलिल
पारेख
और
निलांजन
रॉय
के
खिलाफ
20
और
30
सितंबर
को
दो
अज्ञात
शिकायतें
मिलने
के
बाद
यह
मामला
सामने
आया।
वहीं,
इन
शिकायतों
के
बाहर
आने
की
वजह
से
इंफोसिस
के
शेयर
को
भी
नुकसान
झेलना
पड़ा।
मंगलवार
को
इंफोसिस
के
16
फीसदी
शेयर
गिर
गए,
बीएसई
पर
कंपनी
के
शेयर
15.94
से
गिरकर
645.35
रुपये
पर
आ
गया
जबकि
एनएसई
पर
ये
15.99
फीसदी
घटकर
645
रुपये
प्रति
शेयर
पर
आ
गया
जिससे
कंपनी
को
45000
करोड़
रुपये
का
नुकसान
झेलना
पड़ा।