नई सरकार के आने के बाद भी नहीं बदली सूरत, इंडिया इंक उदास
नई दिल्ली। देश की चरमराती अर्थव्यवस्था के बारे में मई 2014 से पहले जितनी भी बातें होती, हर कोई उम्मीद से कहता, कि यह तस्वीर बदल जाएगी। खुद इंडिया इंक को भी यही यकीन था लेकिन अब उसका यह यकीन टूट गया है।
इंडिया इंक की मानें तो केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार आने के बाद भी कुछ नहीं बदला है। अर्थव्यवस्था पिछले छह माह से रेंग रही है और इसमें जिन परिवर्तनों की उम्मीद थी, वे नहीं आ सके।
कुछ दिनों पहले एसोचैम की ओर से एक कांफिडेंस मेजरिंग सर्वे कराया गया था। इस सर्वे में शामिल 54.2 प्रतिशत रेस्पांडेंट्स ने माना कि पिछले छह वर्षों के अंदर संचालन के स्तर पर कुछ नहीं बदला है। लेकिन उद्योग जगत के कई जाने-माने लोग इस बात को लेकर आशावान थे चीजें जल्द बेहतर हो सकती हैं।
एसोचैम के सर्वे के मुातबिक 58.3 प्रतिशत तक लोगों ने उम्मीद जताई कि जनवरी से मार्च 2015 के बीच बिक्री में करीब 45.8 प्रतिशत तक का इजाफा हो सकता है। यह स्थिति देश के लिए फायदमेंद हो सकती है।
एसोचैम के सेक्रेटरी जनरल डीएस रावत ने बताया सेल्स और फायदे की स्थिति में ही निवेश बढ़ता है। इन दोनों ही स्थितियों में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है और अगले कुछ माह के अंदर देश के हालात सुधर सकते हैं।