एचडीएफसी बैंक ने 4500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, जारी रह सकती है छटनी
एचडीएफसी बैंक में सितंबर 2016 में 95,002 कर्मचारी थे जो दिसंबर 2016 तक 90,421 रह गए। ज्यादातर कटौती बैंक के रीटेल कारोबार को बढ़ाने वाले कर्मचारियों (Q3) में हुई है।
नई दिल्ली। भारत में प्राइवेट सेक्टर के बड़े बैंक एचडीएफसी ने पिछले तीन महीने (अक्टूबर से दिसंबर) में 45000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। बैंक ने आर्थिक हालात ना सुधरने पर छटनी जारी रहने की बात कही है। बैंक ने इसकी वजह आय वृद्धि के 18 साल के निचले स्तर पर पहुंचने और खर्च बढ़ने को बताया है। एचडीएफसी बैंक में सितंबर 2016 में 95,002 कर्मचारी थे जो दिसंबर 2016 तक 90,421 रह गए। ज्यादातर कटौती बैंक के रीटेल कारोबार को बढ़ाने वाले कर्मचारियों (Q3) में हुई है।
इकॉनोमिक्स टाइम्स के मुताबिक, मंगलवार को एचडीएफसी बैंक ने कहा कि उसका मुनाफा 15 फीसदी बढ़कर 3,865 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले 3,357 करोड़ रुपये था लेकिन यह जून 1998 से उसकी सबसे कम ग्रोथ है। बॉन्ड और करंसी में प्री-टैक्स प्रॉफिट भी 253 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले साल 513 करोड़ था। नोटबंदी के बाद बैंकों की फी इनकम भी सिर्फ 9.4 प्रतिशत ही बढ़ी है। मंगलवार को जारी हुए नतीजों में कहा गया कि बैंक के परिचालन खर्च में 0.55 प्रतिशत की गिरावट आई है और दिसंबर के अंत में यह 4.843 करोड़ रह गया, जो सितंबर में 4, 870 करोड़ रुपये था।
विशेषज्ञों का कहना है कि किसी बैंक द्वारा एक तिमाही में इतनी बड़ी छंटनी का यह पहला मामला है, जो आगे भी जारी रह सकता है अगर स्थितियां नहीं सुधरीं। बैंक ने संकेत दिया है कि उसका फोकस फिलहाल उत्पादकता पर है और भविष्य में हायरिंग में गिरावट रहने वाली है। बैंक के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर परेश सुखतांकर ने बताया कि छंटनी कर्मचारियों की उत्पादकता और उनकी कार्यक्षमता बढ़ाने का एक नियमित हिस्सा है।
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