डार्क वेब पर बेची जा रही 13 लाख भारतीयों की बैंक कार्ड डिटेल, हरकत में आया RBI
नई दिल्ली। भारतीय बैंकों के करीब 13 लाख क्रेडिट और डेबिट कार्ड की डिटेल्स चोरी होने की खबर से हड़कंप मचा हुआ है। खबर सामने आ रही है कि इन कार्ड्स का डेटा डार्क वेब पर बिक्री के लिए उपलब्ध है और एक ग्राहक की जानकारी 100 डॉलर में बेची जा रही है। डॉर्क वेब पर शायद ये अब तक का सबसे बड़ा डेबिट कार्ड कैशे है। ये जानकारी सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है।
13 लाख कार्ड्स की डिटेल एक वेबसाइट पर मौजूद
ग्रुप-आईबी साइबर सिक्योरिटी फर्म के मुताबिक, 13 लाख कार्ड्स की डिटेल एक वेबसाइट पर मौजूद है। Znet की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रुप-आईबी ने कहा है कि इन कार्ड्स की डिटेल्स 100 डॉलर में बेची जा रही है। हैकर्स आमतौर पर बल्क में ऐसे कार्ड खरीदते हैं और फिर इनका इस्तेमाल करते हैं और वे इसके जरिए आपके बैंक खाते में सेंध लगाकर पैसे भी उड़ा सकते हैं। हालांकि, इसका पता नहीं चल पाया है कि इन कार्ड्स को कहां से लाया गया है।
रिजर्व बैंक ने बैंकों को दिया निर्देश
वहीं, ये खबर सामने आने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया हरकत में आ गया है। आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि ग्राहकों के डेबिट और क्रेडिट डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करें। आरबीआई ने 13 लाख कार्डों के डेटा ऑनलाइन उपलब्ध होने की रिपोर्ट की जांच करने का निर्देश दिया है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि अगर जरूरी हुआ तो बैंक की पॉलिसी के अनुसार उक्त कार्ड्स को डिसेबल कर दोबारा कार्ड जारी करें। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी।
डार्क वेब पर 100 डॉलर प्रति कार्ड बेचा जा रहा डेटा
सिंगापुर की साइबर डेटा एनालिसिस संस्था ग्रुप-आईबी ने बताया कि हैकर्स की वेबसाइट जोकर स्टैश पर 13 लाख कार्ड्स के डेटा 100 डॉलर प्रति कार्ड बेचा जा रहा है। इनमें 98 फीसदी कार्ड्स भारतीयों के हैं, जिनमें 18 फीसदी तो एक ही बैंक के हैं। एजेंसी ने इस बैंक के नाम का खुलासा नहीं किया है। अंदेशा है कि हैकिंग के अलावा डेटा एटीएम या पीओएस में स्किमर से भी चुराए गए होंगे। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त तक देश में 517 लाख क्रेडिट कार्ड और 8,515 लाख डेबिट कार्ड सर्कुलेशन में थे।