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" देवपाण्डुम " जहां रहते हैं लाखों देवी-देवता, सुंदर झरना,अंधेरी सुरंग में छुपे हैं अनगिनत रहस्य !

छत्तीसगढ़ में आप कहीं ही चले जाइए,हर इलाके में कुछ किस्से कहानियां और रोचक स्थान मिल ही जायेंगे।

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बालोद, 26 जून। छत्तीसगढ़ में आप कहीं ही चले जाइए,हर इलाके में कुछ किस्से कहानियां और रोचक स्थान मिल ही जायेंगे। आज हम आपको सांस्कृतिक और प्राकृतिक तौर पर बेहद समृद्ध छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के एक ऐसे स्थान के बारे में बताने जा रहे हैं,जहां एक प्राचीन गुफा में देवी देवताओं का वास हैं , साथ ही यह भी मान्यता है कि गुफा में अकूत खजाना है, जहां खजाने का लालच अपनी जान देकर ही छूटता हैं।

एक गुफा ,एक झरना और ढेर सारे रहस्य

एक गुफा ,एक झरना और ढेर सारे रहस्य

छत्तीसगढ़ के दुर्ग संभाग में पड़ने वाले बालौद जिले में कुदरती सौंदर्य बिखरा पड़ा है। सभ्य सरल जीव जीने वाले इस क्षेत्र के आदिवासी ब्लाक डौंडी के छोटे से गांव देवपाण्डुम के आस पास बहते खूबसूरत झरने, नदी पहाड़ ,जंगल लोगों का मन मोह लेते हैं।

इसी गांव में नदी के करीब एक पहाड़ और पत्थरों के बीच बनी एक सुरंग गुफा अपने भीतर कई रहस्यों को समेटे हुए है। स्थानीय लोगों के लिए यह स्थान महज एक पर्यटन स्थल नहीं,बल्कि उनकी आस्था से जुड़ा हुआ शक्तिकेंद्र है,जिसके साथ काफी किस्से जुड़े हुए हैं।

नदी में हैं अलौकिक शक्ति, देवपाण्डुम में है देवताओं का वास

नदी में हैं अलौकिक शक्ति, देवपाण्डुम में है देवताओं का वास

देवपाण्डुम में सुरंग गुफा और उसके पास बहने वाले झरने के प्रति लोगों की अगाध आस्था है,क्योंकि मूलतः प्रकृति पूजक आदिवासियों का मानना है कि इस स्थान में देवी देवताओं का वास है। आस पास के 12 गांव के ग्रामीण मानते हैं कि झरने के पीछे लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर जंगलो से निकलने वाली छोटी सी नदी में कोई आलौकिक शक्ति है,इसी नदी के पानी से बहने वाला झरना 12 माह पानी से गुलजार रहता है। लेकिन इस झरने से ज्यादा रोचक उसके पास बनी सुरंगनुमा गुफा है ,क्योंकि कोई नहीं जानता कि उस गुफा में भीतर क्या है।

गुफा ले लेती है जिंदगी

गुफा ले लेती है जिंदगी


बालोद की यह गुफा कुदरती है कि मानव निर्मित इसका राज आजतक कोई नहीं बूझ सका है, क्योकि सुरंग की तरफ नजर आने वाली गुफा एकदम अनुपात में नजर आती है। स्थानीय ग्रामीण बस इतना बताते हैं कि गुफा सामने हरेली,होली समेत कई अन्य त्योहारों में देवताओं की मूर्ति स्थापित करके उसके पूजन की परम्परा सदियों से चली आ रही है।

कहा जाता है कि अंग्रेजो के शासनकाल में कुछ राजाओं ने अपना खजाना बचाकर रखने के लिए गुफा में छुपा दिया था,जिसके बाद लाखों बार उस खजाने को बाहर निकालने की कोशिश की गई,लेकिन कोई सफल नहीं हो सका,क्योंकि जो भी खजाना निकालने की नियत से गुफा के पास जाता है,उसकी मौत हो जाती है।

बन गया है पिकनिक स्पॉट

बन गया है पिकनिक स्पॉट


इस स्थान पर मौजूद गुफा और झरने के पास पहाड़ में माता शीतला और दंतेश्वरी के अलावा का देवी देवताओं क मूर्ति विराजमान है, लेकिन यहां मंदिर का निर्माण नहीं हो सका है। बालोद जिले के नागरिक बड़ी संख्या में इस स्थान पर पिकनिक मनाने पहुंचते हैं। स्थानीय ग्रामीणों का मानना है कि सरकार को इस स्थान को संरक्षित करके इसे पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित करना चाहिए। फ़िलहाल यह स्थान विकसित नहीं हो सका है, लेकिन रहस्य रोमांच और किस्से कहानियों से भरपूर से कुदरती स्थान पर हर कोई जाना पसंद करता है।

यह भी पढ़ें छत्तीसगढ़ में करोड़ों साल पुरानी गुफा की खोज, जिसके अंदर है अनोखी दुनिया !

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English summary
"Devapandum" where millions of deities live, innumerable secrets are hidden in the dark tunnel
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