Sonu Khan : पांच मिनट में साफा-पगड़ी बांधती है बीकानेर की सोनू खान, विरासत को बढ़ा रही आगे
बीकानेर, 29 जून। राजस्थान अपनी कला व संस्कृति के नाम से भी जाना जाता है। यहां के कलाकार अपनी कला से हर किसी मन मोह लेते हैं। इसी तरह से बीकानेर निवासी 21 वर्षीय कालकार सोनू खान ने कमाल कर दिखाया है। एमए की पढ़ाई कर रही मुस्लिम समुदाय की यह बेटी महज पांच मिनट में किसी भी सिर पर बीकानेरी, गंगाशाही व जाेधपुरी साफा या पगड़ी बांध देती है।
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साफा बांधने वाली बीकानेर की पहली युवती है सोनू खान
ऐसा करने वाली यह बीकानेर की पहली युवती है। साेनू खां ने अब तक बीकानेर के कई गणमान्य लाेगाें के सिर पर साफा बांधकर यह संदेश दिया है कि यह काम पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी कर सकती हैं। साेनू के साफे की बांधने की सारी स्टाइल पुरुषाें जैसी है।
दादा नूर माेहम्मद व नाना चाेरू खां साफा बांधते आए
सोनू खान ने बताया कि उनके दादा नूर माेहम्मद व नाना चाेरू खां साफा बांधते आए हैं। उनसे साफा बंधवाने के लिए आस-पास के लाेगाें के साथ ही दूर-दराज से भी लाेग आते थे। कभी-भी घर की महिलाएं उनके पास नहीं गई। पुरुषाें के द्वारा ही साफा बांधने का रिवाज था। उसका भाई वसीम खां भी साफा बांधने में दक्ष था।
लोकडाउन में सीखा साफा बांधना
सोनू ने बताया कि लोकडाउन के चलते वह घर में खाली बैठी थी। कॉलेज भी बन्द पड़ा था। ऐसे में घर में खाली बैठे रहने के दौरान मन में कुछ नया करने की चाहत हुई। उसने परिजनाें काे बताया कि वह भी साफा बांधना सीखना चाहती है। इस पर उसके परिवार वालों ने बिना किसी विरोध और संकोच के साफा पगड़ी सीखने की तत्काल अनुमति दे दी।
हाथाें में दर्द हाेने लगता था
साफा पगड़ी बाधने में शुरूआती में बहुत परेशानी हुई हाथाें में दर्द हाेने लगता था, लेकिन कुछ दिन में सबकुछ नाेर्मल लगने लगा। एक महीने का भी समय नहीं लगा और वह अपने भाई जैसे ही साफा बांधने लगी। पहले परिजनाें के सिर पर बांधने की प्रेक्टिस की। इसके बाद आस-पास के लाेगाें के बांधे। अब काेई भी आ जाए वह सिर्फ 5 मिनट में उसके सिर पर साफा या पगड़ी जाे भी चाहे वह बांध देगी।
वर्ल्ड लेवल पर नाम कमाना चाहती है
साेनू ने बताया कि वह यह हुनर अन्य युवतियाें काे भी सिखाना चाहती है। वर्ल्ड लेवल पर नाम कमाना चाहती है। एक पहचान बनानी है। वह इसके लिए सबसे तेज साफा बांधने की प्रैक्ट्स में लग चुकी है। समय लगेगा लेकिन वह ऐसा जरूर कुछ करेगी जिससे इस शहर में उसके परिजनाें की पहचान उससे हाे पाए।