ये रहा बिहार का सबसे गर्म जिला, लोगों को झुलसा रही लू, मौसम विभाग ने कहा- अपने घर में ही रहें
बक्सर/औरंगाबाद। बिहार के भी कई जिलों में तापमान 40 के पार दर्ज हो रहा है। यहां बक्सर जिले का अधिकतम तापमान बीते रोज 45.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जिसके साथ यह बिहार का सबसे गर्म जिला रहा। वहीं, हीट वेब की चपेट में आया औरंगाबाद जिला बिहार का दूसरा सबसे गर्म जिला रहा। यहां 44.2 डिग्री अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। इसी तरह तीसरे नंबर पर रोहतास जिले का डेहरी रहा, जहां का तापमान भी 42 से उूपर था।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की ओर से कहा जा रहा है कि, ज्यादा तापमान को देखते हुए लोग दोपहर में बाहर निकलने से बचें। वहीं, सर्जन सह सदर अस्पताल के आईसीयू प्रभारी डॉ. जन्मेजय ने कहा कि फिलहाल जिले में काफी तेज गर्मी पड़ रही है, इसलिए लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। खासकर बच्चों व बुजुर्गों को बचने की जरूरत है। जितना ज्यादा हो सके लोग पानी का सेवन करें। हो सके तो नींबू पानी व ओरआएस का घोल पीयें। उन्होंने बताया कि, कल बिहार में जिला बक्सर सबसे गर्म रहा। बक्सर का अधिकतम तापमान 45.8 डिग्री दर्ज किया गया। जबकि, गया का अधिकतम तापमान 43.8 डिग्री दर्ज किया गया। उक्त जिले हीट वेब की चपेट में हैं।
मौसम विभाग की ओर से हीट वेब को देखते हुए सुबह में ही अलर्ट जारी किया गया था। 12 बजे दोपहर से 3 बजे के बीच घर से निकलने से मना किया गया था। इसका असर भी देखने को मिला। शहर के सड़कों पर कम ही लोग दिखे। लू से बचने के लिए अपने घर में ही रहे। एक मौसम विशेषज्ञ ने कहा कि, इस बार जिले में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ रही है। इसके कई कारण हैं। बारूण प्रखंड के सिरिस स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र के मौसम वैज्ञानिक डॉ. अनूप चौबे ने कहा कि पिछले कई वर्षों की तुलना में इस बार ज्यादा गर्मी पड़ रही है। इसका मुख्य कारण प्री मॉनसून की एक्टिवटी शुरू नहीं होना है। जब तक मॉनसून नहीं आता है, तब तक गर्मी का शीतम जारी रहेगा।
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मॉनसून के आगमन के बारे में बताते हुए एक मौसम वैज्ञानिक ने कहा कि, 14 जून की रात या 15 जून को जिले में मॉनसून आने की उम्मीद है। यदि मानसून आए तो गर्मी से जरूर निजात मिलेगी। फिलहाल जिले में एक दो दिनों तक हीट वेब की आशंका है। इसलिए कहा जा रहा है कि, लोग बवेजह घर से बाहर न निकलें। ज्यादा जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें। इसके साथ-साथ जिस इलाके में पानी की व्यवस्था है, उक्त इलाके के किसान धान का बिचड़ा डाल दें।