PICs: छात्रों को खुद की साइकिल पर बैठकर देना पड़ रहा है हाईस्कूल का Exam
तस्वीर देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किस तरह सरकारी स्कूल में परीक्षा को मजाक बनाया गया है। यहां हाई स्कूल की टेस्ट परीक्षा ली जा रही थी।
पटना। बिहार के सरकारी स्कूल के हाल से मौजूदा सरकार भी हिल जाएगी। बिहार के जहानाबाद जिले के अरवल में ये तस्वीर बिहार की शिक्षा व्यवस्था को करारा तमाचा है। हाई स्कूल में दसवीं की टेस्ट परीक्षा ली जा रही है। परीक्षा का नजारा देखने के बाद वहां उपस्थित सभी लोगों की निगाहें चौक गई। कुछ छात्र अपनी साइकिल की सीट पर बैठ कर परीक्षा दे रहे थे तो कुछ स्कूल की छत पर बैठे थे। छात्र के द्वारा इस तरह की परीक्षा देते देख कदाचार मुक्त परीक्षा लेने की सरकार व प्रशासन के तमाम दावे फेल नजर आए। तस्वीर देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किस तरह परीक्षा को मजाक बनाया गया है।
छात्र हाईस्कूल की दे रहे हैं परीक्षा
जानकारी के मुताबिक मामला बिहार के जहानाबाद जिले के अरवल के सदर प्रखंड उच्च विद्यालय में देखने को मिला। यहां हाई स्कूल की टेस्ट परीक्षा ली जा रही थी। इसी परीक्षा के बाद सीधे मैट्रिक की परीक्षा छात्र देंगे लेकिन स्कूल में लिए जा रहे टेस्ट परीक्षा का नजारा देख सभी चौक गए, किस तरह छात्र साइकिल की सीट पर किताब खोलकर खुलेआम नकल कर रहे हैं तो कुछ छात्र स्कूल की छत पर बैठकर परीक्षा दे रहे हैं। बता दें कि सरकार द्वारा सभी उच्च विद्यालय में इन दिनों टेस्ट परीक्षा ली जा रही है। लेकिन यहां छात्रों को टेस्ट परीक्षा देते देख ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि छात्रों को स्कूल के शिक्षक द्वारा कैसी शिक्षा दी जा रही है। जिस स्कूल में इस तरह का नजारा देखा गया वहां लगभग 300 छात्र एवं छात्राएं पढ़ती हैं।
स्कूल मैनेजमैंट ने जाहिर की लाचारी
जब छात्रों की इस परीक्षा और स्कूल मैनेजमेंट के बारे में वहां की हेडमास्टर ऊषा कुमारी से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि स्कूल में छात्र छात्राओं के बैठने के लिए उचित व्यवस्था नहीं की गई है। जिसकी वजह से छात्र ऐसे बैठकर परीक्षा दे रहे हैं। जब इस तस्वीर के जरिए जिला अधिकारी सतीश कुमार से बातचीत की गई तो उन्होंने स्कूल में चल रही परीक्षा में गड़बड़ी के लिए प्रधान अध्यापक को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि इसकी जांच कर समुचित कार्रवाई की जाएगी।
छात्रों ने बताई पूरी बात
वहीं जब स्कूल के छात्रों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि इस स्कूल में पढ़ाई कभी-कभी होती है अगर सभी छात्र स्कूल में पढ़ने आ जाएं तो शायद बैठने की भी जगह नहीं मिलेगी। वैसे स्कूल में कई विषयों के शिक्षक भी नहीं हैं और तो और बैठने की भी जगह नहीं है। इसलिए हम लोग छत पर बैठकर परीक्षा दे रहे हैं।
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