बिहार: सारण के एक गांव में 5 साल पहले हुई थी बच्चे की मौत, अब लौट आया वापस ! हैरत में ग्रामीण
मृत बच्चे के जिंदा होने की खबर जैसे ही सामने आई तो सोशल मीडिया ख़बर तेज़ी से वायरल होने लगा। मृत बच्चे के ज़िंदा होने की खबर से सब कोई हैरान था।
छपरा, 30 जुलाई 2022। बिहार में 5 साल बाद मृत बच्चे के ज़िंदा होने की खबर इन दिनों सुर्खियों में है। जो भी सुन रहा है वही हैरान है कि ये कैसे मुमकिन हो सकता है ? आईए जानते हैं पूरा मामला क्या है ? सारण जिले का यह मामला बताया जा रहा है, जहां तरैया के फेनहारा एक महिला के दावे ने सबके होश उड़ा दिए हैं। महिला ने दावा किया है उसका मृत बच्चा ज़िंदा होकर वापस आ गया है। ग़ौरतलब है कि 5 साल पहले बच्चे को सांप ने डस लिया था और उसकी मौत हो गई थी। जिसके बाद शव को केले के तना के ऊपर रख कर गंडक नदी में बहा दिया गया था।
सांप के डसने से हुई थी बच्चे की मौत
मृत बच्चे के जिंदा होने की खबर जैसे ही सामने आई तो सोशल मीडिया ख़बर तेज़ी से वायरल होने लगा। मृत बच्चे के ज़िंदा होने की खबर से सब कोई हैरान था। मिली जानकारी के मुताबिक फेनहारा के रहने वाले हरिंद्र महतो के बेटे को 2017 में सांप ने डस लिया था। जिसके बाद 5 वर्षीय पुत्र कृष्ण कुमार को मृत समक्ष कर लोगों ने केले के तना पर गंगा नदी में प्रवाह कर दिया था। इतना ही नहीं तने पर नाम पता लिखकर नदी में बहाया गया था। अब पांच साल बाद एक बच्चा भटकते-भटकते गांव पहुंचा तो सुनीता देवी ने अपना बेटा होने का दावा करते हुए उसे गांव ले आई।
सुनीता देवी का लावारिस हालत में मिला था बच्चा
सुनीता देवी को इसुआपुर के पास बच्चा लावारिस हालत में मिला था, उस बच्चे को वह 5 साल पहले मर चुके बेटे को ज़िंदा वापस होने का दावा करते हुए साथ ले आई। इतना ही नहीं बच्चे की पहचान का भी दावा करने लगी। सुनीत ने बताया कि पांच साल पहले पीपल पेड़ के पास उसका बच्चा खेल रहा था। पेड़ के पास में एक छेद में बच्चे ने खेलते-खेलते अंगुली डालने पर सांप ने डंस लिया। सांप के डसने के बाद बच्चे को मृत समझकर गंडक नदी में प्रवाह कर दिया गया था। प्रवाह करने के बाद ख़बर आई थी कि उसका बच्चा ज़िंदा है उसी समय से खोजबीन जारी थी।
इसुआपुर के विशुनपुरा में मिला था बच्चा
इसुआपुर के विशुनपुरा से उक्त बच्चे के ज़िदा होने की खबर मिली जिसे लेकर वह वापस आ गई। महिला के दावे की जब पड़ताल हुई तो मामला दूसरा ही निकला। जिस बच्चे को महिला अपना बेटा समझकर साथ ले आई थी वह कुशीनगर निवासी सरवन कुमार का बेटा है। उसकी दिमाग़ी हालत ठीक नहीं है, उसके पहचान के लिए आधार कार्ड भी बना हुआ है। पूरे मामले की जानकारी जब बच्चे के परिजन को हुई तो वह उसका आधार कार्ड लेकर उसे लेने पहुंच गए।
फेनहरा गांव में बच्चे को लेकर हुआ हंगामा
फेनहारा गांव में जब बच्चे के परिजन आधार कार्ड लेकर पहुंचे को काफी हंगामा हुआ जिसे पुलिस ने हस्तक्षेप कर ले शांत कराया। मामले में हंगामा होता देख बच्चे को पुलिस ने अपने क़ब्ज़े में ले लिया और बाल अधिकार संरक्षण समिति के पास भेज दिया गया। वहां से बच्चे क पहचान कर उसे अपने परिजनों को सौंप दिया गया।
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