बिहार में सत्ता परिवर्तन ! नीतीश की नई सरकार में तेजस्वी को मिल सकती है अहम ज़िम्मेदारी , जानिए
सूत्रों की माने तो विपक्षी दल के नेता तेजस्वी यादव से 12 तारीख के अंदर पटना में अपने सभी विधायकों के साथ बैठक करेंगे। इस बाबत सभी विधायकों को निर्देश जारी कर दिया गया है।
पटना, 8 अगस्त 2022। बिहार में अब सियासी समीकरण पूरी तरह बदलते हुए नज़र आ रहे हैं। इसके साथ ही सियासी गलियारों में यह चर्चा तेज़ हो गई है कि बिहार में तखता पलट हो सकता है। एनडीए में भूचाल आने के साथ ही सियासी करवट लेने की तैयारी चल रही है। सियासी जानकारों की मानें तो जदयू-भाजपा नेताओं के बीच मतभेद की वजह से 11 अगस्त से पहले ही बिहार में सत्ता परिवर्तन हो जाएगा। एनडीए सरकार गिरते ही जदयू और आरजेडी साथ मिलकर बिहार के सत्ता की कमान संभालेगी। गौरतलब है कि मंगलवार को जदयू ने सभी विधायकों और सांसदों को बैठक के लिए पटना बुलाया है। मुख्यमंत्री आवास पर सभी दिग्गजों की बैठक होगी।
NDA गठबंधन को झटका दे सकते हैं नीतीश कुमार
सूत्रों की माने तो विपक्षी दल के नेता तेजस्वी यादव से 12 तारीख के अंदर पटना में अपने सभी विधायकों के साथ बैठक करेंगे। इस बाबत सभी विधायकों को निर्देश जारी कर दिया गया है। बिहार के सियासी गलियारों में कयासबाज़ी शुरू हो चुकी है। नीतीश कुमार एनडीए को झटका देते हुए भाजपा से किनारा कर सकते हैं। वहीं सूत्रों के हवाले से ख़बर आ रही हैं कि बिहार में जदयू और राजद के साथ मिल कर नई सरकार बनाने की रणनीति तैयार कर ली गई है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनने वाली नई सरकार में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही रहेंगे। इसके साथ नई सरकार में किसी को भी उप मुख्यमंत्री नहीं बनया जाएगा। वहीं तेजस्वी यादव को गृह विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
जदयू विधायकों और सांसदों को बुलाया गया पटना
बिहार में सियासी हलचल शुरू होने के साथ ही राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल यूनाईटेड, कांग्रेस और हिदुस्तानी अवाम मोर्चा का अपने-अपने विधायकों के साथ बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। खबर आ रही है कि जदयू विधायकों को और सांसदों को आज शाम तक पटना पहुंचने का निर्देश मिल चुका है। सभी लोग आज शाम तक पटना पहुंचने वाले हैं। इसके साथ ही कल मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष की बैठक होने वाली है। इस खबर के बाद से यह चर्चा तेज़ है कि बिहार में सत्ता परिवर्तन तय है।
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जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष के बयानों से भी मिले संकेत
जनता दल यूनाइटेड के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू-भाजपा के साथ वाले सवाल पर कहा था कि भविष्य की गारंटी कौन दे सकता है। वही अब जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) के बयान से सियासी पारा चढ़ गया है। एनडीए की आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में एकजुटता के सवाल पर ललन सिंह के जवाब से बड़े संकेत मिले हैं। उन्होंने कहा कि अभी यह साफ नहीं हैं कि बिहार में जदयू आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ होगी या नहीं।
जदयू-भाजपा की राहें हो सकती हैं अलग
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के बयान से सियासी गलियारों में हड़कंप सा मच गया है। संभावनाओं की सियासत शुरू हो चुकी है। आपको बता दें कि हाल ही भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की पटना में बैठक हुई थी। इस दौरान भाजपा की तरफ 2024 का लोकसभा चुनाव और 2025 का विधानसभा चुनाव पर भाजपा-जदयू के साथ चुनाव लड़ने की बात कही गई थी। ग़ौरतलब है कि भाजपा के कई दिग्गज नेता इस बात को अकसर दोहराते नज़र आते हैं कि बिहार में एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनावी मैदान में है और आगे भी रहेगी। वहीं ललन सिंह ने भाजपा के बयान को बिना नकारे कहा कि कल क्या होगा यह किसने देखा है। चुनाव के लिए हमलोग तो अभी से तैयार हो रहे हैं।
जदयू-भाजपा आमने-सामने
जदयू-भाजपा के बीच मतभेद की खबर अकसर देखने को मिल ही रही है। पिछले दिनों भाजपा के एक नेता ने बयान दिया था कि भाजपा 243 विधानसभा सीटों में से 200 सीटों चिन्हित कर लिया है। इन सीटों पर चुनाव की तैयारी भी शुरू हो चुकी है। वहीं इस बयान पर जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पलटवार करते हुए कहा था कि भाजपा 243 सीटों पर क्यों नहीं तैयारी कर रही। जनता दल यूनाइटेड तो शुरू से ही सभी सीटों पर तैयारी कर रही है। सभी दल को अपने संगठन को मज़बूत करने का पूरा हक़ है। इस भाजपा-जदयू नेता अकसर बयान बाज़ी करते हुए नज़र आ जाते हैं।
कुशवाहा के बयानों से मची हलचल
एक पत्रकार ने कुछ दिनों पहले जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से सवाल किया था कि जदयू और भाजपा 2024 तक तो साथ रहेगी ना, इस पर उन्होंने जवाब दिया कि भविष्य की गारंटी कोई कैसे दे सकता है। उपेंद्र कुशवाहा की इस बयानबाज़ी के बाद सियासी पारा सारा चढ़ गया है। सियासी गलियारों में क़या,बाज़ी भी शुरू हो गई है। गौरतलब है कि पिछले दिनों जदयू नेता भी एनडीए गठबंधन में को-ऑर्डिनेशन कमेटि की मांग कर चुके हैं।
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