लालू को सजा तो अब कहीं पर्दे के पीछे से ना बिगाड़ दिया जाए तेजस्वी का भविष्य!
राजद के कुछ नेता ऐसे हैं जो पर्दे के पीछे से तेजस्वी यादव को पसंद नहीं करते हैं। ऐसे में लालू के जेल जाने से RJD में तेजस्वी पर संकट गहरा सकता है।
Recommended Video
पटना। चारा घोटाले मामले में रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को अब कल सजा सुनाई जाएगी। लालू के जेल जाने के बाद बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। लालू की पार्टी राजद को लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या लालू को सजा होने के बाद पार्टी एकजुट रह पाएगी? क्या तेजस्वी RJD की कमान संभालने में कामयाब होंगे। बता दें कि जब बिहार में लालू की सरकार थी और 1997 में वो जेल गए थे, तब अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया था और इस बार जेल जाने से पहले अपने छोटे बेटे बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को पार्टी की कमान सौंप चुके हैं। लेकिन तब और अब में काफी फर्क है, राजद के कुछ नेता ऐसे हैं जो पर्दे के पीछे से तेजस्वी यादव को पसंद नहीं करते हैं। ऐसे में अब सवाल उठता है कि चारा घोटाले में लालू यादव को सजा होने के बाद यदि वो लंबे समय के लिए जेल चले जाते हैं तो क्या पार्टी के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव का नेतृत्व स्वीकार कर पाएंगे?
RJD में ही तेजस्वी का भविष्य खतरे में!
वहीं जदयू नेता का कहना है कि ये पार्टी का अंदरुनी मामला है लेकिन वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी राजद को भारी पड़ सकती है। क्योंकि राजद में तेजस्वी यादव से कई ऐसे सीनियर नेता हैं जो पार्टी की कमान संभाल सकते थे। इस मुद्दे पर बातचीत करते हुए जेडीयू नेता नीरज कुमार ने बताया कि राजद भ्रष्टाचार को शिष्टाचार साबित करने में लगा हुआ है, लालू यादव अपने कर्मों के कारण जेल चले गए हैं लेकिन उन्होंने परिवार के मोह में अपने बड़े नेताओं की अनदेखी की है जो उन्हें नुकसान पहुंचा सकती है। तो बीजेपी के नेताओं का कहना है कि घर के मुखिया की अनुपस्थिति में मुखिया के पद के लिए झंझट होता है। ऐसे में राजद नेताओं ने इसे बीजेपी और जदयू का ख्याली पुलाव बताया है।
क्या एकजुट रह पाएगी RJD!
इस मुद्दे पर बातचीत करते हुए राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने बताया की पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के जेल चले जाने के बाद भी पार्टी एकजुट रहेगी और इस तरह की बात की कोई गुंजाइश नहीं है। पार्टी के सभी नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में खुश हैं। तो शक्ति सिंह ने जेडीयू पर पलटवार करते हुए कहा कि पहले उन्हें खुद बताना चाहिए कि उदय नारायण चौधरी जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेता क्यों नितीश के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं।
बेटे तेजस्वी को संभालनी होगी बागडोर
वहीं राज्य के राजनीतिक गलियारों से लेकर चौक-चौराहों तक लालू की पार्टी राजद को लेकर ऐसा कहा जा रहा है कि लालू प्रसाद यादव के जेल जाने के बाद पार्टी बिखर सकती है क्योंकि पार्टी में कई वरिष्ठ नेता ऐसे हैं जो लालू के ना रहने पर पार्टी से नाराज होकर दूसरे दल का दामन थाम सकते हैं। आपको बता दें कि लालू पर परिवारवाद के आरोप में कई नेता पार्टी छोड़कर दूसरे पार्टी का दामन थाम लेते हैं। जिसमें श्याम रजक रामकृपाल यादव पप्पू यादव के साथ-साथ और भी कई चर्चित नेता शामिल हैं। अब लालू प्रसाद यादव के ना रहने पर पार्टी की कमान तेजस्वी के हाथ में सौंपी गई है। इसमें ये देखना है कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पार्टी कितनी एकजुट रह पाती है। लालू यादव पर सजा का ऐलान होने के बाद पार्टी नेताओं का मूड भांपने और एक साथ रखने के लिए तेजस्वी यादव ने 6 जनवरी को सभी नेताओं की एक मीटिंग बुलाई है, जिसमे आगे की रणनीति तय की जाएगी।
Read more: लालू 'मिश्रा' होते तो नहीं जाते जेल! 10 दिनों में बेटे को भी देना है जवाब