Kurhani By Election: बिहार की कुढ़नी सीट पर ओवैसी की पार्टी AIMIM के उम्मीदवार का नोटा से भी बुरा हाल
कुढनी सीट पर ओवैसी का जादू नहीं चल पाया है, AIMIM के उम्मीदवार गुलाम मुर्तुज़ा के खाते में नोटा से भी कम वोट गिरे हैं। इस सीट पर जदयू और भाजपा उम्मीदवार के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला है
Kurhani By Election: बिहार में गोपालगंज और मोकामा सीट पर उपचुनाव के बाद सियासी पार्टियां कुढ़नी विधानसभा सीट (मुजफ्फरपुर) उपचुनाव में ज़ोर आज़माइश शुरु कर दी थी। जिस तरह से गोपालगंज विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में महागठबंधन उम्मीदवार के वौट बैंक में ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने सेंधमारी की थी। सियासी गलियारों में यह चर्चा तेज़ थी कि कुढ़नी में भी मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी और ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम की वजह से महागठबंधन को भारी नुकसान हो सकता है। लेकिन चुनावी आंकड़े के बाद एआईएमआईएम के उम्मीदवार गुलाम मुर्तुज़ा का तो नोटा से भी बुरा हाल हो गया। कुढ़नी में एम फैक्टर का जादू नहीं चल सका।
AIMIM के उम्मीदवार का नोटा से भी बुरा हाल
गोपालगंज विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में एआईएमआईएम प्रत्याशी को मिले वोट से यह लग रहा था कि ओवौसी की पार्टी कुढ़नी में महागठबंधन को नुकसान पहुंचा सकती है। लेकिन वहा एम फैक्टर का जादू नहीं चला। जदयू-भाजपा के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। कुढ़नी में सहनी समुदाय के मतदाता विनिंग फ़ैक्टर माने जाते हैं। इसके बावजूद वीआईपीक के प्रत्याशी निलाभ कुमार का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। कुढ़नी विधानसभा मंह उपचुनाव में तीन प्रत्याशियों का नाम ज्यादा सुर्खियों में रहा। जिसमें महागठबंधन उम्मीदवार मनोज कुशवाहा, भाजपा उम्मीदवार केदार गुप्ता और वीआईपी उम्मीदवार निलाभ कुमार का नाम शामिल है।
भाजपा और जदयू के बीच कांटे की टक्कर
चुनावी नतीजों में भी इन्हीं उम्मीदवारों ने टॉप 3 में जगह बनाई है। भाजपा ने सियासी समीकरण को देखते हुए काफी विचार विमर्श के बाद केदार गुप्ता को चुनावी मैदान में उतारा है। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह केदार गुप्ता की मतदाताओं में पकड़ बताई गई थी । आंकड़ों की बात की जाए तो 2020 के विधानसभा चुनाव में 712 वोटों से केदार गुप्ता हार गए थे। उन्हें 77 हज़ार 837 वोट मिले थे। महागठबंधन की तरफ से राजद उम्मीदवार अनिल सहनी ने 78 हज़ार 549 वोटों से जीत दर्ज की थी।
कुढ़नी सीट पर दिलचस्प मुकाबला
2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को जदयू का साथ मिला था, लेकिन इस बार उपचुनाव में जदयू और राजद महागठबंधन के साथ चुनावी मैदान में है। राजद का वोट भी जदयू के खाते में गय है। 2015 के विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो जेदयू-राजद-कांग्रेस महागठबंधन होने के बावजूद भाजपा प्रत्याशी केदार प्रसाद गुप्ता ने जेडीयू उम्मीदवार मनोज कुशवाहा चुनावी मात दी थी। केदार प्रसाद गुप्ता (भाजपा) ने 73 हज़ार 227 वोटों से जीत दर्ज की थी और मनोज कुशवाहा (जदयू) को 61 हज़ार 657 वोट मिले थे। 11 हज़ार 570 वोटों से महागठंबधन उम्मीदवार मनोज कुशवाहा की हार हुई थी। वही 2005 और 2010 के विधानसभा चुनाव में जदयू की टिकट पर मनोज कुशवाहा ने जीत दर्ज की थी। कुढ़नी विधानसभा सीट पर पिछले 4 विधानसभा चुनाव के आंकड़ों में जदयू का पलड़ा भारी रहा है। इस बार भी जदयू उम्मीदवार के जीत दर्ज करने की संभावना जताई जा रही है।
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