तो इस वजह से तेजस्वी को जल्दी हटाएंगे नीतीश! बुलाई विधायकों की बैठक
पटना। बिहार में महागठबंधन की सरकार में साझेदार राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड के बीच बढ़ रही खाई पटेगी या और ज्यादा बढे़गी, इसका फैसला जल्द ही हो सकता है। राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन को लेकर शुरू हुए गठबंधन पर संकट अब और ज्यादा बढ़ रहा है। माना जा रहा है कि बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते सदन में सरकार को दिक्कत हो सकती है। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस दबाव में हैं कि वो शुक्रवार से शुरू होने वाले राज्य के विधानसभा सत्र में तेजस्वी पर लगे आरोपों का बचाव करें या फिर दरकिनार कर दें।
बुलाई अलग-अलग बैठक
बता दें कि आज बुधवार को जदयू और राजद ने स्थिति स्पष्ट करने के लिए अपने-अपने विधायकों की अलग बैठक बुलाई है। इससे पहले राजद ने जदयू के साथ मिलकर विधायकों की बैठक का आह्वान किया था। जदयू के सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार जो इस बात पर गर्व करते हैं कि वो भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेन्स अपनाते हैं वो तेजस्वी का बचाव करने के लिए अनिच्छुक हैं।
तेजस्वी नहीं दिया स्पष्टीकरण
माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी सदन में तेजस्वी के इस्तीफे के लिए प्रदर्शन करेगी। बता दें कि तेजस्वी ने अभी तक अपने ऊपर लगे हजार करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिकाना हक वाले मामले पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है।
नेताओं के बयान संतोषजनक नहीं
अंग्रेजी समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार जदयू के महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश जी ने अभी तक ऐसी किसी लज्जाजनक स्थिति का सामना नहीं किया होगा जिससे उनके पूरे राजनीतिक करियर और उनकी स्वच्छ छवि पर सवाल खड़ा हो सके। त्यागी ने यह स्पष्ट कर दिया कि तेजस्वी और अन्य वरिष्ठ राजद नेताओं से अब तक का बयान संतोषजनक नहीं था।
राजद कह चुका है तेजस्वी नहीं देंगे इस्तीफा
त्यागी ने कहा कि हम नहीं चाहते कि महागठबंधन सरकार यूपीए -2 में बदल जाए। त्यागी ने तेजस्वी के मसले पर कांग्रेस के रुख पर भी निराशा जाहिर की। त्यागी के मुताबिक कांग्रेस, तेजस्वी के मामले में राजद पर दबाव नहीं बढ़ा रही है। इस पूरे मामले पर राजद का कहना है कि तेजस्वी के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप राजनीतिक षड़यंत्र है और उनको इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है।
ये भी पढ़ें: महागठबंधन में झगड़े के बीच राहुल से मिले नीतीश, अब पीएम से मिलेंगे