ओडिशा सरकार का हाई कोर्ट में हलफनामा, कहा- यूजीसी के हर नियम को मानने के लिए बाध्य नहीं
कटक, जुलाई 20। ओडिशा विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम पर विवाद में एक नया मोड़ आया है। दरअसल, राज्य सरकार ने उड़ीसा उच्च न्यायालय में दावा किया है कि वह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों का पूरी तरह से पालन करने के लिए बाध्य नहीं है। इस संबंध में ओडिशा सरकार ने कोर्ट में एक हलफनामा पेश किया है।
राज्य सरकार ने कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा
इस हलफनामे में, सरकार ने कहा कि यूजीसी के नियम राज्य सरकारों पर उच्च शिक्षा के मानकों के समन्वय और निर्धारण की एक सीमित सीमा तक बाध्यकारी हैं। राज्य विधायिका को यूजीसी नियमों के तहत प्रदान किए गए शिक्षा के उच्च मानकों को निर्धारित करने वाले कानून बनाने का अधिकार है। हलफनामे में आगे यह भी कहा गया है कि राज्य विधायिका द्वारा बनाए गए कानूनों को तब तक नहीं हटाया जा सकता जब तक वे शिक्षा के स्तर पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालते।
इस कारण हो रहा है विवाद
आपको बता दें कि, ओडिशा का ये संशोधित अधिनियम विवादों के केंद्र में रहा है। दरअसल, इसमें शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती सहित विश्वविद्यालयों में महत्वपूर्ण शैक्षणिक और प्रशासनिक पदों पर नियुक्ति पर पूरी तरह राज्य सरकार का नियंत्रण रखने का प्रस्ताव है। प्रस्तावित अधिनियम में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के चयन के लिए चयन समिति की संरचना को बदलने के साथ ही शिक्षक भर्ती को ओडिशा लोक सेवा आयोग (ओपीएससी) द्वारा करने की बात कही गई है।