Umariya: जान पर भारी पढ़ाई का जुनून, नदी पार कर रोजाना स्कूल जाते हैं ये बच्चे, देखें VIDEO
उमरिया 26 अगस्त। मध्य प्रदेश में इस बारिश ने सरकार द्वारा किए गए विकासकार्यों की पोल खोल कर रख दी हैं। उफनते हुए नाले और नदियों को पार करने के लिए रास्ते तक नहीं दिख रहें हैं। और अपनी जान को जोखिम में डाल लोग इसमें उतर कर पर करते हैं। ऐसा ही एक कुछ जिले से एक चौंका देने वाला दृश्य सामने आया। जहां जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर की यह तस्वीर सरकारों के लाख दावों की पोल खोलने वाली देखने को मिली यह तश्वीरें सीधे तौर पर पूरे सिस्टम पर तमाचा है। जिले के ताला बांधवगढ़ रोड से लगे सरसवाही गांव स्थित स्कूल जाने वाले बच्चे प्रतिदिन अपनी जान को हथेली में रखकर नदी पार करके स्कूल पहुंचते है और इसी रास्ते से पढ़ाई करके वापस भी आते है। इस समय बारिश का दौर है। जिले भर में भारी बारिश से नदी नाले उफान पर है। हाल ही में 2 लोग बाढ़ में बह भी चुके है। जिसके बाद यहां प्रशासन निरंकुश बना बैठा।
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आसपास के आधा दर्जन गांव के जाते हैं स्कूल
जिला
मुख्यालय
से
महज
कुछ
ही
दूरी
पर
स्थित
ग्राम
सरसवाही
में
हायर
सेकेंडरी
स्कूल
है।
जिस
कारण
यहां
पर
आसपास
के
इलाके
के
आधे
दर्जन
गॉव
के
बच्चे
इस
स्कूल
में
पढ़ने
आते
है।
जिनमे
ग्राम
पंचायत
ददरौडी,
कोडार
और
बरतराई
3
गांव
ऐसे
है
जहां
पर
स्कूल
पहुँचने
के
लिए
दूसरा
मार्ग
नही
है।
इस
कारण
3
गांव
के
सैकड़ो
बच्चे
अपनी
जान
को
जोखिम
में
डालकर
बरुहा
नदी
को
पार
कर
स्कूल
पहुंचते
है।
कई
बार
तो
दुघटना
होते
होते
बची
है।
इसके
पहले
2-3
बच्चे
नदी
में
बह
गए
थे।
जिसके
बाद
वहां
मौजूद
लोंगो
ने
तुरंत
उन्हें
बचा
लिया
नही
तो
अनहोनी
हो
सकती
थी।
गांव को जोड़ने वाला पुल क्षतिग्रस्त
ग्राम सरसवाही से ददरौंडी सहित अन्य कई गावो को जोड़ने वाला सड़क मार्ग में पड़ने वाली बरुहा नदी का पुल बीते 4-5 सालों से पूरी तरीके टूटकर क्षतिग्रस्त हो गया है। जिसके बाद लगभग आधा दर्जन से अधिक इस मुसीबत को झेल रहे है। ऐसा भी नही की इसकी जानकारी किसी को नहीं है। जिले के कलेक्टर सहित जन प्रतिनिधियों भी इस समस्या से अवगत है। बावजूद इसके जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे है।
प्रशासन हाथ में हाथ धरे बैठा
इतना ही नहीं जिला प्रशासन को यह भी जानकारी रही है कि बारिश से बरुहा नदी उफान पर है और स्कूली बच्चे स्कूल जाने के लिए अपनी जान को जोखिम में डालकर इसे पार कर रहे है फिर भी जिला प्रशासन हाथ पर हाथ धरे किसी बड़ी घटना के इंतजार में है।
जिम्मेदार कैमरे से बचते हुए नजर आए
उमरिया जिले से जान जोखिम में डालकर शिक्षा की ग्रहण करने की यह भयावह तशवीर सामने आने के बाद से जिला प्रशासन इस मामले में मिडियाया के सामने कुछ भी कहने से बच रहा है।
नाले में घट चुकी है घटना
वहीं अभी हाल में पानी मे डूबने से आरक्षक और एक मासूम की जान पर सवाल बना हुआ है। हालांकि, 26 अगस्त की सुबह आरक्षक का शव मिल गया है। पानी से होते हुए स्कूल पहुंचना और पढ़ाई पूरी कर फिर उसी गहरे पानी के रास्ते वापस घर आना खतरनाक है और साथ ही कार्यप्रणाली पर सवाल भी।
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