मध्य प्रदेश में विद्यार्थियों को जंक फूड के नुकसान बताने के लिए शिक्षक बनेंगे खाद्य सुरक्षा पर्यवेक्षक
भोपाल। मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षक विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान देने के साथ-साथ सेहत का पाठ भी पढ़ाएंगे। उन्हें बताएंगे कि पिज्जा-बर्गर वगैरह खाना सेहत के लिए कितना नुकसानदेह है। वहीं, पौष्टिक भोजन के क्या फायदे हैं। खाने में क्या-क्या शामिल करने की जरूरत है।

इतना ही नहीं, स्कूलों में शिक्षक खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की तरह व्यंजनों की जांच भी करेंगे। इसके लिए हर स्कूल के एक शिक्षक को एक दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें बताया जाएगा कि खान-पान में स्वच्छता कैसे रखें, भोजन को कैसे पैक किया जाए और रखा जाए, पौष्टिक भोजन कौन से हैं आदि-आदि। प्रशिक्षित शिक्षक विद्यार्थियों को भी यह भी बताएंगे कि साफ-सफाई कैसे बरकरार रखें और हाथ किस तरह से धोएं। इसकी बाकायदा कक्षाएं भी होंगी।
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) की तरफ से स्कूल, कॉलेज व अन्य कैंपस के अलावा जिले में स्वास्थ्यवर्धक खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए 12 तरह की गतिविधियां की जा रही हैं। यह सब 'ईट राइट चैलेंज' प्रतियोगिता के तहत किया जा रहा है। मार्च तक सभी गतिविधियां पूरी करनी हैं।
प्रदेश के नौ जिले शामिल
देशभर के 150 जिले 'ईट राइट चैलेंज' प्रतियोगिता में पहले चरण में शामिल किए गए हैं। इसमें मध्य प्रदेश के इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, रीवा, सागर, शहडोल, मुरैना जैसे जिले शामिल हैं। इसमें कुछ उन स्कूलों को भी लिया गया हैं, जिनमें मध्यान्ह भोजन बंटता है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अफसरों ने बताया इसमें 12 तरह की गतिविधियां हैं। इसमें स्ट्रीट वेंडर्स को ट्रेनिंग भी दी जानी है। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी ट्रेनिंग दी जाएगी। इसकी वजह यह कि आंगनबाड़ी में बच्चों को भोजन बांटा जाता है। होटलों में खाद्य तेल के बार-बार उपयोग से होने वाले नुकसान के बारे में भी बताया जाएगा।