कलयुगी मामा ने 1 करोड़ रुपये के लिए भांजे का कराया अपहरण, भोपाल पुलिस ने किडनैपिंग का किया खुलासा
भोपाल में ICICI बैंक के रिकवरी मैनेजर राहुल के अपहरण की गुत्थी को सुलझा लिया है। अपहरण करवाने वाला कोई और नहीं पीड़ित का मामा निकला। एडिशनल डीसीपी श्रुत्कीर्ति सोमवंशी ने बताया कि मामा ने भांजे का अपहरण करने के लिए दो अपह
भोपाल में ICICI बैंक के रिकवरी मैनेजर राहुल के अपहरण की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। अपहरण करवाने वाला कोई और नहीं पीड़ित का मामा निकला। मामा ने भांजे का अपहरण करने के लिए दो अपहरणकर्ताओं को हायर भी किया था। मामा ने फुल प्लानिंग के तहत भांजे का अपहरण कराया था, लेकिन योजना फेल हो गई और दोनों आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गए। एडिशनल डीसीपी श्रुत्कीर्ति सोमवंशी ने बताया कि बैंक मैनेजर राहुल राय के अपहरण के आरोप में उसके सगे मामा अनुपम दास, हंसराज वर्मा और आदित्य चौरसिया को गिरफ्तार किया गया है। कैसे अपहरण की घटना को अंजाम दिया पढ़े पूरी खबर.....
मामा की पीड़ित राहुल की 1.5 करोड़ रुपये की FD पर थी नजर
एडिशनल डीसीपी श्रुत्कीर्ति सोमवंशी ने बताया कि राहुल राय के पिताजी बैंक में नौकरी करते थे। अभी हाल ही में कुछ महीने पहले उनका निधन हो गया। उन्होंने राहुल के नाम डेढ़ करोड़ रुपये की एफडी कराई हुई थी। मामा को FD की जानकारी थी। इसी एफडी को हड़पने के लिए मामा ने भांजे का अपहरण करवा दिया।
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आरोपियों ने झूठ बोलकर बैंक मैनेजर का किया अपहरण
एडिशनल डीसीपी श्रुत्कीर्ति सोमवंशी ने जानकारी दें तो बताया कि हर रोज की तरह राहुल बैंक ड्यूटी पर गया हुआ था दोपहर में हंसराज और आदित्य अपनी कार लेकर राहुल के पास पहुंचे। यहां हंसराज ने राहुल से मुलाकात की उसे बताया कि उसका बैंक ऑफ इंडिया रातीबड़ शाखा में लोन मंजूर नहीं हो रहा है। मदद के बहाने वे राहुल को कार से रातीबड़ ले गए। रातीबड़ थाने से आगे निकलते ही दोनों आरोपियों ने राहुल के सिर पर रॉड से हमला कर दिया और राहुल बेसुध होकर गिर गया। इसके बाद आरोपियों ने राहुल के मोबाइल से उसकी मां को फोन लगाया। उन्होंने राहुल की मां को धमकी दी कि अगर एक करोड़ रुपये 2 घंटे के अंदर नहीं दिए तो वे राहुल को जान से मार देंगे। हालांकि आरोपी मामा ने बताया कि उनका प्लान भांजे को मारने का नहीं था सिर्फ घायल करके फिरौती मांगना था।
आरोपी मामा बहन के साथ रिपोर्ट दर्ज करवाने गया था थाने
राहुल की मां को जैसी फोन आया उन्होंने तुरंत पुलिस व भाई अनुपम दास को घटना के बारे में बताया। अनुपम दास तुरंत अपनी बहन को लेकर थाने पहुंचा। आरोपी मामा को लग रहा था कि उसके साथियों ने भांजे को मार दिया है और दोनों फरार हो चुके हैं। इसलिए वे अपनी बहन के साथ थाने में लगातार घूमता रहा। लेकिन जब सीहोर में राहुल अधमरी अवस्था में पाया गया। उसके बाद हंसराज भी अनुपम दास के साथ थाने में घूमता हुआ नजर आया। जैसे ही राहुल राय ने पुलिस को हंसराज और आदित्य का नाम लिया, वैसे ही पुलिस को हंसराज पर शक हो गया। और उन्होंने हंसराज से पूछता शुरू कर दी। काफी मशक्कत करने के बाद हंसराज ने पुलिस को पूरी सच्चाई बता दी और कलयुगी मामा का काला चिट्ठा खोल दिया।
कर्ज चुकाने के लिए भांजे को बनाया बलि का बकरा
पुलिस ने बताया कि अनुपम दास और हंस राजपूत पुराने दोस्त हैं और दोनों प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते थे। पिछले कई महीनों से अनुपम दास को प्रॉपर्टी डीलिंग के बिजनेस में घाटा होने लगा और उस पर लाखों का कर्ज हो गया। आरोपी मामा अनुपम दास ने हंसराज को बताया कि उसका जीजा बैंक में पदस्थ था, जिनका निधन हो गया है। बहन के पास बहुत पैसा है। भांजे के नाम से भी जीजा ने भांजे के नाम पर डेढ़ करोड़ रुपए की एफडी कराई हुई है। अनुपम दास ने हंसराज से कहा कि तुम लोग राहुल का अपहरण कर लो। मेरी बहन मुझसे ही मदद मांगेगी। पैसों की व्यवस्था हम बहन से कराएंगे। इससे हम दोनों का कर्जा चुक जाएगा।
रुपए मिलने के बाद भागने की थी प्लानिंग
आरोपियों ने तय किया था कि फिरौती की रकम मिलने के बाद वे शहर छोड़ कर भाग जाएंगे। इसके पीछे उनका मकसद दिया था कि अगर शहर में नहीं रहेंगे तो पुलिस उन तक नहीं पहुंच पाएगी। लेकिन राहुल राय की मां ने अपने भाई से मदद के साथ पुलिस से भी मदद मांग ली। जिसके बाद पुलिस ने मां को फिरौती की रकम देने को मना किया और अनुपम दास की प्लानिंग फेल हो गई। इसके बाद हंसराज पुलिस की पकड़ाई में आया और अपहरण की पूरी कहानी बता डाली।