BHOPAL : सिंधिया समर्थक के चाचा पप्पू विलास निर्दलीय चुनाव जीते, मालती राय भी जीत की ओर अग्रसर
नगर निगम चुनाव में चौंकाने वाले नतीजे सामने आ रहे हैं। भोपाल में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक के चाचा निर्दलीय चुनाव जीत गए है।सिंधिया ने इनके टिकट के लिए पैरवी की थी, लेकिन पार्टी ने टिकेट नहीं दिया था।
भोपाल,17 जुलाई। राजधानी में नगर सरकार बनाने के लिए वोटों की गिनती का काम जारी है। बता दे मतगणना का काम भोपाल की पुरानी जेल परिसर में हो रहा है। जहां सैकड़ों की संख्या में सभी राजनीतिक पार्टियों के समर्थक अपने-अपने उम्मीदवारों के विजयी होने की सूचना का इंतजार कर रहे हैं। राजधानी भोपाल में महापौर पद के लिए कांग्रेस और बीजेपी में घमासान जारी है। 7वें राउंड की मतगणना के बाद बीजेपी की महापौर प्रत्याशी मालती राय लगभग 51,474 मतों से आगे चल रही है। भोपाल में अब तक 16 वार्डो का रिजल्ट आया है जिसमें 9 वार्ड में बीजेपी और 6 वार्ड में कांग्रेस प्रत्याशी जीते हैं।
पार्षद पद के उम्मीदवारों के चौंकाने वाले नतीजे
राजधानी 85 वार्डों में पार्षद पद के उम्मीदवारों के चौंकाने वाले नतीजे सामने आ रहे हैं। भोपाल के वार्ड क्रमांक 34 से निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू विलास राव घाडगे चुनाव जीत गए। भाजपा ने इनका आखरी समय में टिकट काट दिया था। बता दे पप्पू विलास पूर्व में भी भाजपा के दो बार पार्षद रह चुके हैं। वही भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कृष्णा घाडगे उनके भतीजे हैं, जोकि केंद्रीय मंत्री सिंधिया के खास माने जाते हैं। ऐसे में भाजपा से टिकट कटने के बाद पप्पू विलास का निर्दलीय चुनाव जीतना पूरे भोपाल में चर्चा का विषय बना हुआ है।
सबसे बड़ा चुनावी नतीजा भोपाल में वार्ड 33 से भी सामने आया है। जहां कांग्रेस के दो बार के पूर्व पार्षद अमित शर्मा भी चुनाव हार गए। कांग्रेस प्रत्याशी अमित शर्मा वार्ड 33 से 600 वोटों से चुनाव हार गए हैं।
काउंटिंग के समय अंदर जमकर हंगामा
भोपाल नगर निगम चुनाव में सबसे पहले नरेला विधानसभा क्षेत्र की वोटिंग मशीनों को खोला गया, जबकि एमपी नगर सर्किल से जुड़े वार्डों की ईवीएम सबसे आखरी में खुली। काउंटिंग के समय अंदर जमकर हंगामा भी हुआ। मौके पर पुलिस बल को पहुंचकर मामला शांत कर आना पड़ा। जिन वार्डों में 23 बूथ से कम है उनके लिए एक ही टेबल लगाई गई, जबकि इससे ज्यादा के लिए 2 टेबल लगाकर मतगणना की जा रही थी।
मतगणना केंद्र में घुसे आवारा कुत्ते
काउंटिंग स्थल पर कुत्ते भी घुस गए इससे काउंटिंग करने में परेशानी हो रही थी, तो नगर निगम के कर्मचारियों को बुलाकर 70 कुत्तों को पकड़ाया गया। धीमी मतगणना के कारण मतगणना स्थल पर 11 राउंड हो चुके थे, लेकिन आधिकारिक परिणाम एक के सामने आया है जबकि अन्य जिलों में कई राउंड की घोषणा हो चुकी थी। भोपाल में देरी हो रही है। इसका कारण ARO की तरफ से अंतिम टाटा फाइनल करने में देरी बताई गई।
पिछली बार ये तस्वीर थी
भोपाल नगर में पिछली बार बीजेपी का महापौर था और परिषद भी बीजेपी की बनी थी। भोपाल में बीजेपी के महापौर आलोक शर्मा थे। वही 85 वार्डों में 55 पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। वहीं कांग्रेस के 26 पार्षद चुनाव जीते थे और 4 वार्डों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे। इस बार भोपाल में मेयर की कुर्सी के लिए भाजपा से मालती राय और कांग्रेस से विभा पटेल के बीच कड़ा मुकाबला था।