मुस्लिम कर्मियों का नाम क्यों लिया? सवाल से बचते दिखे BJP सांसद तेजस्वी सूर्या,कहा-सांप्रदायिक टिप्पणी नहीं की
मुस्लिम कर्मियों का नाम क्यों लिया? सवाल से बचते नजर आए BJP सांसद तेजस्वी सूर्या, कहा- कोई सांप्रदायिक टिप्पणी नहीं की
बेंगलुरु, 11 मई: बेंगलुरु दक्षिण से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद और युवा नेता तेजस्वी सूर्या पिछले कई दिनों से बेंगलुरु बेड्स घोटाले को लेकर विवादों में घिरे हुए हैं। सोमवार (10 मई) को मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी सूर्या ने कहा कि उन्होंने कोई भी सांप्रदायिक टिप्पणी नहीं की थी। तेजस्वी सूर्या ने कहा, 'इसमें माफी मांगने जैसा कुछ नहीं है क्योंकि मैंने कोई भी सांप्रदायिक टिप्पणी नहीं की थी।' असल में बेंगलुरु बेड्स घोटाला मामले में तेजस्वी सूर्या विधायक सतीश रेड्डी, रवि सुब्रमण्या और उदय गरुडचर के साथ 4 मई को बेंगलुरु दक्षिण जोन के कोविड-19 वॉर रूम पहुंचे थे। जहां तेजस्वी सूर्या ने 17 मुस्लिम कर्मचारियों के नाम लेते हुए उनपर कोविड बेड ब्लॉकिंग घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था। सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान घोटाले में सिर्फ मुस्लिम कर्मियों का ही नाम क्यों लिया, इन सवालों से बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या बचते नजर आए। उन्होंने कई सांप्रदायिक ऐंगल वाले सवालों का जवाब नहीं दिया।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक जह प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों ने पूछा कि 'बेंगलुरु दक्षिण जोन के कोविड-19 वॉर रूम में काम करने वाले 205 कर्मचारियों के बीच उन्होंने सिर्फ 17 मुस्लिम कर्मचारियों के ऊपर ही बेड घोटाले का आरोप क्यों लगाया?' तो इन सवालों का बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने नजरअंदाज कर दिया। इन सवालों का तेजस्वी सूर्या ने जवाब देने से इनकार कर दिया।
सांसद तेजस्वी सूर्या बोले- मैंने किसी से माफी नहीं मांगी है
सांसद तेजस्वी सूर्या ने दावा किया, '' यह सच है कि मैं गया था और कोविड-19 वॉर रूम में लोगों से बात भी की थी। जब मैंने कोई सांप्रदायिक टिप्पणी नहीं की है तो मुझे क्यों माफी मांगनी चाहिए? मैंने किसी से माफी नहीं मांगी है। मैंने सिर्फ यह पूछा कि ये लोग क्यों और कैसे (मुस्लिम कर्मचारी जिनके नाम पढ़ते हैं) नियुक्त किए गए है?''
सांसद तेजस्वी सूर्या ने यह भी कहा कि हर अस्पताल के बिस्तर का आरक्षण समय चार घंटे कर दिया गया है। सांसद तेजस्वी सूर्या बोले, हॉस्पिटल के बेड का ऑटो-अनब्लॉक टाइम घटा दिया गया है। पहले एक कोविड बेड बुक होने के बाद अस्पताल में मरीज के आने का 10 घंटे तक इतंजार किया जाता था। लेकिन 10 घंटे की वेटिंग बहुत लंबा टाइम था। इसलिए इसे 10 घंटे से घटाकर 4 घंटे कर दिया गया है। अगर बेड बुकिंग के वक्त से 4 घंटे तक मरीज नहीं आता है तो बेड ऑटोमेटिक अनबुकड हो जाएगा।''
16 मुस्लिम कर्मचारी को पुलिस ने जांच के बाद दी क्लीन चिट
4 मई को बेंगलुरु दक्षिण जोन के कोविड-19 वॉर रूम में सांसद तेजस्वी सूर्या के दौरे के बाद 17 मुस्लिम कर्मचारियों को काम पर आने से मना कर दिया गया था। लेकिन उनमें से अब 16 कर्मचारियों को पुलिस द्वारा मिले क्लीन चिट के बाद काम पर वापस लौटने के लिए कहा गया है। BBMP के एक वरिष्ठ अधिकारी ने वॉर रूम के संचालन की देखरेख करते हुए कहा कि 16 में से केवल 11 ने काम पर लौटने का फैसला किया है।
विशेष क्षेत्र के प्रभारी नोडल अधिकारी ने एजेंसी को उन लोगों को वापस काम पर भेजने का निर्देश दिया है, जिनके ऊपर बीजेपी नेता ने आरोप लगाए थे। हालांकि केवल 11 ने काम पर वापस लौटने की बात कही है। जबकि एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।