बेंगलुरु में 1 मार्च से 26 अप्रैल तक 3 हजार से अधिक शवों का हुआ दाह संस्कार, लेकिन कागजों में हुई 1422 मौतें
बेंगलुरु, अप्रैल 28। कोरोना संकट के दौरान कई राज्यों से मौत के वास्तविक और आधिकारिक आंकड़ों में गड़बड़ी के मामले सामने आए हैं। ताजा मामला कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु का है, जहां 1 मार्च से लेकर 26 अप्रैल तक मौत के ऑफिशियल आंकड़े 1422 रहे, लेकिन शहर के 12 शवदाह गृहों से जुटाए आंकड़ों से पता चलता है कि इस समयसीमा में कोरोना से मरने वाले मरीजों की संख्या 3104 है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, इन सभी शवों का दाह संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के तहत किया गया है। आपको बता दें कि इस रिपोर्ट से पता चलता है कि कोरोना से जान गंवाने वाले मरीजों की वास्तविक संख्या बहुत अधिक है।
निगम के छोटे श्मशानों के नहीं मिल पाए आंकड़े
आपको बता दें कि इन आंकड़ों में बेंगलुरु म्युनिसिपिल कॉर्पोरेशन (BBMP) के तहत आने वाले छोटे श्मशानों और कब्रिस्तानों को शामिल नहीं किया गया है। जिन 12 श्मशानों के आंकड़े इकट्ठा किए गए हैं, उनके कर्मचारियों का कहना है कि यहां आने वाले शवों का ज्यादातर कोविड प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया जा रहा है, साथ ही संक्रमित शवों को गहर गड्ढे में दफनाया जा रहा है।
अधिकारियों ने मानी आंकड़ों में हेरफेर की बात
आपको बता दें कि मौत के आंकड़ों में हेराफेरी की बात खुद अधिकारी भी मान रहे हैं। बीबीएमपी के मुख्य आयुक्त गौरव गुप्ता का कहना है कि हमारे पास सटीक संख्या तो नहीं है, लेकिन ये जरूर कहूंगा कि मौत के आंकड़ों में हेरफेर तो हुआ है। हालांकि गौरव गुप्ता ने ये भी कहा कि पड़ोसी जिलों से भी आने वाले शवों को यहीं दफनाया या दाह संस्कार किया जा रहा है, हम उन शवों को वापस नहीं भेज रहे हैं।
वहीं The News Minute की खबर के मुताबिक, 18 अप्रैल से 24 अप्रैल के बीच बेंगलुरु में मौत के जो सरकारी आंकड़े हैं, उनके अनुसार शहर में 451 मौतें हुई हैं, लेकिन श्मशान घाटों की जांच करने पर पता चलता है कि यहां बहुत अधिक संख्या में इन 7 दिनों के अंदर कोरोना मरीजों के अंतिम संस्कार किए गए हैं। TNM की एक टीम ने 7 श्मशान घाटों का दौरा किया, जिसमें ये सामने आया है कि मौत के जो रियल आंकड़े हैं और जो सरकारी आंकड़े हैं, उनमें बहुत बड़ा अंतर है।