Banda : एक पडोसी ने दूसरे के घर फेंक दिए मांस के टुकड़े, घटना सीसीटीवी में कैद, मुकदमा दर्ज़
भारत में हिंदू और मुसलमान दोनों समाज के लोग हज़ारों साल से साथ में रहते चले आए हैं। लेकिन दोनों ही समुदाय के लोग अभी तक एक दूसरे को न तो समझ सके हैं और न ही समझना चाहते हैं। भारत में हिंदू मुस्लिम एकता के खूब नारे भी लगते हैं और खूब कोशिशें भी होती हैं। लेकिन नतीजा वही जस का तस रहता है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के बांदा से एक घटना सामने आई है जिसमे एक पडोसी ने दूसरे पड़ोसी के घर में मांस के टुकड़े फेंक दिए। मामला पुलिस तक जा पंहुचा और पूरी घटना सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई है।

घटना का सीसीटीवी फुटेज भी है
दरअसल, पूरा मामला यूपी के बांदा शहर कोतवाली के इंदिरा नगर इलाके का है। यहां रहने वाले शिवनारायण त्रिपाठी का आरोप है कि पड़ोस में रहने वाली एक मुस्लिम महिला का घर मेरे घर से ऊंचा है। उसके घर पर रखी पानी की टंकी से लगातार पानी बहता है। जिसके कारण हमारे घर में फिसलन हो जाती है और कई परिवार के सदस्य बार-बार गिरकर घायल भी हो चुके हैं। इसके साथ ही वो अंडे के छिलके और मांस के टुकडे़ फेंक देती है। विरोध करने पर वो गालियां देती हैं। घटना का सीसीटीवी फुटेज भी हमारे पास है। शिवनारायण का कहना कि हम लोग लड़ना नहीं चाहते इसलिए खुद ही सफाई करके फेंक देते हैं। थाने से लेकर डीआईजी तक मामले की शिकायत कर चुका हूं। पुलिस आई थी, मामले में कार्रवाई की बात कहकर चली गई थी। हमारी मांग है कि उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।
वहीं इस पूरे प्रकरण पर DSP सिटी अंबुजा त्रिवेदी ने बताया कि थाने में शिकायत मिली है। इंदिरा नगर इलाके के रहने वाले एक व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम महिला द्वारा उसके घर मे अंडे के छिलके फेंके जा रहे हैं। मौके पर जांच की गई तो साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। तहरीर के आधार पर केस दर्ज किया गया है।

इतिहास से सीख लेनी होगी
भारत में आप जो माहौल आज देख रहे हैं, असल में वह कोई नया माहौल बनकर तैयार नहीं हुआ है बल्कि भारत में हिंदू और मुस्लिम दोनों समाजों के बीच खाई बहुत पहले से है। हिंदू मुस्लिम की एकता का नारा भी कोई आज का नारा नहीं है बल्कि ये तो मुगलों से भी पहले का नारा है। मुगल के बादशाह अकबर हों या मराठा हिंदू सम्राट शिवाजी, दोनों ही राजाओं ने हिंदू मुस्लिम एकता के लिए बड़ी कोशिशें की थी। दोनों ने ही अपने अपने कार्यकाल में विश्वसनीय पदों पर दोनों ही समुदाय के लोगों को जगह दी ताकि हिंदू मुस्लिम एक साथ नज़र आएं। इनकी यह कोशिश रंग भी लायी और एक दौर ऐसा भी आ गया जब भारत में सिर्फ हिंदू मुस्लिम ही नहीं बल्कि अन्य धर्म के लोग भी एक दूसरे धर्म के लोगों के साथ उठने बैठने लगे और एक दूसरे के त्यौहारों में भी शरीक़ होने लगे।

अंग्रेजों ने उठाया फायदा
लेकिन ज्यादा दिन यह एकता टिक नहीं पाई क्योंकि फिर भारत में आगमन हुआ अंग्रेजों का, अंग्रेजों ने सबसे पहले भारत की इसी एकता में फूट डाली। हिंदू को मुसलमान और मुसलमान को हिंदू से लड़वा दिया और एक दूरी पैदा कर दी। वह लोग इतने पर भी नहीं रुके, हिंदू मुसलमान को अलग-थलग करने के बाद हिंदू समाज में ब्राहमण-दलित और मुस्लिम समाज में शिया-सुन्नी का मतभेद भी पैदा कर दिया, भारतीय नागरिक हमेशा से ही धार्मिक रहे हैं। जिसका फायदा अंग्रेज सरकार के अधिकारियों ने खूब उठाया। वर्ष 1857 में भारत की आजादी के लिए पहला युद्ध हुआ जिसे भारतीय विद्रोह कहा जाता है। उस लड़ाई की सबसे ख़ास बात ये रही कि हिंदू और मुसलमान दोनों ही समुदाय के लोग सिर्फ भारतीय बन गए थे, इसी एकता ने अंग्रेजो के माथे पर पसीना लाकर रख दिया था।
आपसी नफरत को ख़त्म करना होगा
क्या ये आपसी नफरत आपसी लड़ाईयों को खत्म नहीं किया जा सकता है? क्या सभी धर्म के लोग एक होकर सिर्फ भारतीय होकर नहीं रह सकते हैं? ज़रा सोचिए अगर सभी के बीच एक मोहब्बत होगी तो वह हिंदुस्तान कितना खूबसूरत होगा। हम तरक्की की सीढ़ीयां चढ़ने लग जाएंगें, नजाने हमारे कितने विवाद खुद-बखुद खत्म हो जाएंगें। एकता सब चाहते हैं मगर कोशिशें कुछ ही करते हैं। इस नफरत भरे तूफानी माहौल में मोहब्बत का चिराग जलाने वालों का इंतज़ार है।
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