सावधान! पुलिसकर्मी बन टप्पेबाज़ों ने बीच चौराहे पर सर्राफा व्यापारी को ठगा
उत्तर प्रदेश के बांदा में शहर कोतवाली से कुछ ही फासले पर लुटेरों ने सरेशाम एक सर्राफा व्यवसाई के साथ लूट की वारदात को अंजाम दिया है, खुद को दरोगा और कांस्टेबल बता कर और अपना फर्जी आईकार्ड दिखा कर सराफा व्यवसाई को बीच सड़क में मोटरसाइकिल सवार लुटेरों ने रोक लिया और उसके बाइक से रुपए और सोने के कुछ आभूषण निकाल लिए और धमकी देकर चले गए। लूट की वारदात का शिकार पीड़ित व्यापारी सर्राफा व्यापारियों के साथ नगर कोतवाली पहुंचा और अपने साथ हुई इस वारदात की जानकारी देते हुए अज्ञात लुटेरों के खिलाफ तहरीर दी है।
इस तरह दिया ठगो ने लूट को अंजाम
सर्राफा व्यवसाई के साथ लूट की यह वारदात बांदा शहर कोतवाली से कुछ ही दूरी पर डीएवी इंटर कॉलेज चौराहे में अंजाम दी गई है। गिरवा थाना क्षेत्र के शेरपुर निवासी लखन लाल सोनी गांव मे दिनेश ज्वेलर्स के नाम से सोने चांदी के आभूषणों के दुकानदार है। उस दिन वह बांदा से कुछ माल लेकर अपनी बाइक से वापस जा रहे थे। जैसे ही पीड़ित सर्राफा दुकानदार डीएवी इंटर कॉलेज के सामने पंहुचा तभी पीछे से एक मोटरसाइकिल में दो व्यक्तियों ने उसकी बाईक को रोक ली और उसे सड़क किनारे ले गए। खुद को दरोगा और सिपाही बता कर अपना आईडेंटिटी कार्ड पीड़ित दुकानदार को दिखाया और उसके सामान की तलाशी लेने लगे, पुलिस रूपी इन लुटेरों ने उसका बैग खुलवा कर उससे लाखों के स्वर्ण आभूषण और उसके बैग में रखे हुए ₹26500 की नकदी निकाल कर वहां से रफूचक्कर हो गए।
सर्राफा एसोसिएशन के पदाधिकारियों को पुलिस का आश्वाशन
लूट की वारदात के बाद पीड़ित व्यवसाई सर्राफा एसोसिएशन के पदाधिकारियों के पास पहुंचा और उनसे अपनी आपबीती बताई। सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष उसको लेकर शहर कोतवाली पहुंचे और इस वारदात की जानकारी दी, व्यापारी ने घटना की तहरीर शहर कोतवाली में दी है। इस मामले में सराफा एसोसिएशन अध्यक्ष सत्यप्रकाश सोनी का कहना है कि वारदात की तहरीर नगर कोतवाली में दे दी गई है और पुलिस की तरफ से मामले का खुलासा करने का आश्वासन मिला है।
नहीं थम रही टप्पेबाजी की घटनाएं, बौना पड़ता कानून
शहर में पिछले साल सैकड़ों टप्पेबाजी और ठगी की घटनाएं हुई। इनमे ऐसी तमाम घटनाएं हुई होंगी जिसमें हंसी उडऩे के भय से महिलाएं जिक्र नहीं करतीं। टप्पेबाजी लाखों में हो तो चर्चा में आती है, वरना लोग सब्र करके घर लौट जाते हैं। पुलिस ने पूर्व में भी कई ऐसे गैंग पकड़े थे लेकिन घटनाएं नहीं रुकी। वहीं आजकल शादी समारोह में नन्हे उस्तादों का गैंग सक्रिय हो गया है। जो लोगों की व्यस्तता का पूरा लाभ उठाते हुए घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
कम रिस्क और मोटा हाथ, जी हां अपराधी अब ठगी और टप्पेबाजी के ही पुराने हथियार को धार देकर मोटी कमाई कर रहे हैं। पकड़े जाने पर थोड़ी बहुत पिटाई हो जाती है, थाने तक पहुंचे तो मामूली धाराओं में मामला निपट जाता है। दरअसल इंडियन पीनल कोड में टप्पेबाजी की वारदातों का मुकदमा दर्ज करने के लिए कोई स्पष्ट धारा नहीं है। एक अफसर का कहना है जब आईपीसी बनायी गई थी, तब इस तरह के अपराध नहीं होते थे। यही वजह है टप्पेबाजी को चोरी और धोखाधड़ी की धाराओं में दर्ज किया जाता है।