IAS के पैटर्न पर हुई यूपी में पहली बार पीसीएस की मुख्य परीक्षा, पेपर देख अभ्यर्थियों का छूटा पसीना
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने आईएएस के पैटर्न पर पहली बार पीसीएस-2018 की मुख्य परीक्षा का आयोजन शुरू कर दिया है। संघ लोकेसेवा आयोग की तर्ज पर इस बार यूपी में भी जीएस के चार पेपर की परीक्षा होनी है। लेकिन, जीएस के पहले व दूसरे पेपर में जब परीक्षार्थी परीक्षा देकर बाहर निकले तो उनके चेहरे की हवाईयां उड़ी हुई थी। पैटर्न बदलाव के साथ आयोग ने प्रश्नों की प्रकृति में भी बदलाव कर दिया था और मॉडल पेपर पूर्व में जारी न होने के कारण अभ्यर्थियों ने पुराने पैटर्न पर ही तैयारी की थी, जिसके कारण उन्हें पेपर काफी परेशानी हुई। अमूमन 10 में से 9 परीक्षार्थी आयोग के प्रश्नों के अगो घुटने टेकते नजर आये और उनका कहना था आयोग को पहले मॉडल पेपर जारी करना चाहिये था, जिससे तैयारी सही दिशा में हो सकती।
इस
तरह
रहा
पेपर
यूपी
पीसीएस
की
लिखित
परीक्षा
में
हिंदी
व
निबंध
के
बाद
शनिवार
को
जीएस
प्रथम
प्रश्नपत्र
व
द्वितीय
प्रश्नपत्र
की
परीक्षा
दो
पालियों
में
हुई।
दोनों
प्रश्न
पत्रों
के
लिए
3-3
घंटे
का
समय
दिया
गया
था।
प्रश्न
पत्र
को
दो-दो
खंडों
में
विभाजित
किया
गया
था,
प्रत्येक
खंड
में
10
लघु
और
10
दीर्घ
उत्तरीय
प्रश्न
थे
और
सभी
20
प्रश्नों
को
करना
अनिवार्य
था।
इस
प्रश्न
पत्र
में
पहले
खंड
के
दस
प्रश्नों
का
उत्तर
125-125
शब्दों
में
लिखना
था।
जबकि
दूसरे
खंड
के
दस
प्रश्नों
का
उत्तर
200-200
शब्दों
में
लिखना
था।
कुल
मिलाकर
प्रत्येक
पेपर
में
3250
शब्द
लिखने
थे।
चूंकि
हर
वर्ष
यह
पेपर
बहुविकल्पीय
होते
थे,
यानी
इनमें
उत्तर
छांट
कर
टिक
करना
होता
था,
ऐसे
में
3250
शब्द
लिखने
के
कारण
अभ्यर्थी
पूरी
तरह
से
घुटने
टेकते
नजर
आये।
दोनों
पालियों
में
कमोवेश
यही
हाल
रहा।
अगले
साल
और
कठिन
होगी
डगर
यूपी
लोके
सेवा
आयोग
अब
सिविल
सेवकों
का
चयन
और
कड़े
मानदंडों
पर
करने
के
लिए
अग्रसर
है।
चूंकि
पीसीएस
का
पैटर्न
तो
आयोग
ने
ले
लिया
है,
लेकिन
अभी
इस
साल
थोड़ी
रियासत
दी
गयी
है।
इस
बार
आईएएस
की
परीक्षा
की
तुलना
में
लिखने
के
लिए
कुछ
राहत
दी
गयी
थी।
चूंकि
आईएएस
की
परीक्षा
में
प्रश्न
पत्र
के
दो
खंड
तो
बंटे
होते
हैं,
लेकिन
पहले
खंड
के
उत्तर
150-150
शब्दों
में
लिखने
होते
हैं,
जबकि
दूसरे
खंड
में
250-250
शब्दों
में
उत्तर
लिखना
रहता
है।
लेकिन
पीसीएस
में
राहत
देते
हुए
125
शब्द
व
200
शब्द
का
नियम
ही
लागू
किया
गया
था।
हालांकि
आगे
आने
वाले
समय
में
इसे
पूरी
तरह
से
संघ
लोकसेवा
आयोग
के
तर्ज
पर
ही
ढाल
दिए
जाने
की
तैयारी
है।
जिसका
बदलाव
हाल
में
ही
आयोग
द्वारा
2019
के
लिए
जारी
किए
गये
पीसीएस
विज्ञापन
में
देखने
को
मिला
है।
क्या
पूछे
गये
प्रश्न
पीसीएस
के
जीएस
पेपर
में
जो
प्रश्न
पूछे
गये
उनमें
निम्न
प्रश्न
शामिल
रहे
-
1
-
कश्मीर
मामले
में
भारत
मध्यस्थता
का
विरोध
क्यों
करता
है?
2
-
धारा
370
पर
भारत
सरकार
की
कार्यवाही
ने
जम्मू-कश्मीर
की
यथास्थिति
को
परिवर्तित
कर
दिया
है।
यह
इस
क्षेत्र
के
विकास
को
किस
प्रकार
से
प्रभावित
कर
सकता
है?
चर्चा
कीजिए।
3
-
अंतरराष्ट्रीय
न्यायालय
के
अधिकार
क्षेत्र
4
-
यूपी
में
किसान
और
कृषि
क्षेत्र
की
समस्या
एवं
चुनौतियां
5
-
ग्रामीण
जीवन
में
स्वयं
सहायता
समूहों
के
प्रभाव
7
-
प्रवासी
भारतीयों
के
भारत
की
अर्थव्यवस्था
में
योगदान
8
-
भारत
की
संघीय
व्यवस्था
9
-
राज्यसभा
की
विशिष्ट
शक्तियां
10
-
मतदाता
निरीक्षण
पेपर
ऑडिट
यानी
वीवीपैट