पेपर लीक मामला: UPPSC आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजू लता कटियार निलंबित
Prayagraj News, प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजू लता कटिया की गिरफ्तारी के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है। उनका निलंबन राज्य सराकर की ओर से किया गया है। हालांकि यह कार्रवाई अंजू लता के जेल जाने की वजह से हुई है, अभी भ्रष्टाचार के मामले में उन पर दोष साबित नहीं हुआ है। मामले में अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक मुकुल सिंहल ने उनके निलंबन की पुष्टि की है।
पेपर लीक मामले में हुई कार्रवाई
दरअसल, अंजूलता की गिरफ्तारी के बाद से आयोग की जमकर हो रही किरकिरी और छात्रों के सवालों से घिरी योगी सरकार ने शनिवार को अंजूलता पर कार्रवाई के लिये ड्राफ्ट तैयार कर लिया था, लेकिन पीसीएस एसोसिएशन की बैठक व रणनीति सामने न आने तक तत्काल प्रभाव से कार्रवाई नहीं हुई। हालांकि एसटीएफ की ओर से पूछताछ व जब्त सबूतों के बाद व भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट द्वारा न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के बाद सरकार को अंजूलता को निलंबित करने की पर्याप्त वजह मिल गयी थी। जिसके क्रम में अब उन्हें निलंबित कर दिया गया है। गौरतलब है कि एलटी ग्रेड शिक्षक की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में अंजूलता को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था और वाराणसी की भ्रष्टाचार निवारण अदालत में पेश करने के बाद उन्हें जेल में निरुद्ध किया गया हैं।
कसेगा और शिकंजा
अंजूलता पर सरकार की और से अपना रूख जाहिर कर देने के बाद यह साफ हो गया है कि उन पर अब कानून का शिकंजा अभी और कसने वाला है। एसटीएफ हर हाल में सारे सबूत जुटायेगी, ताकि बिगड़ चुके माहौल को व्यवस्थित किया जाये और छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे लोगों को सजा दिलाई जा सके। मामले में अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक मुकुल सिंहल ने उनके निलंबन की पुष्टि की है। फिलहाल पीसीएस एसोसिएशन ने भी अपना रूख साफ कर दिया है और अंजू की गिरफ्तारी पर नाराजगी जाहिर करते हुये उन्हें विधिक सहायता देने व अपने स्तर पर भी जांच के लिये कमेटी बनाने का निर्णय लिया है।
क्या है मामला
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजूलता कटियार को प्रयागराज स्थित मुख्यालय से एसटीएफ ने एलटी ग्रेड परीक्षा पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया है। उनके खिलाफ पेपर लीक करने वाले गैंग के सरगना व प्रिंटिंग प्रेस के संचालक ने बयान दिया और दस लाख देने की बात कही है। इसी मामले में लगभग 10 घंटे तक अंजू से एसटीएफ ने कडी पूछताछ की और सवालो का जवाब न दे पाने पर मोबाइल फोन व लैपटॉप आदि जब्त कर लिया है। मोबाइल व लैपटाप में अंजू की संलिप्तता पेपर लीक कांड से जुडी हुई पाई गयी है, जिसके कारण उन्हे गिरफ्तार कर वाराणसी की भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में पेश किया गया था। जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जिला कारागार भेज दिया गया है। इसमें एसटीएफ ने दावा किया है कि उनके पास अंजूलता कटियार और कौशिक कुमार की मिलीभगत के साक्ष्य हैं। इसी मामले में अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक मुकुल सिंहल की ओर से बताया गया है कि अंजू लता के जेल में होने की रिपोर्ट के आधार पर उनका 'डीम्ड सस्पेंशन' किया गया है।