फाफामऊ हत्याकांड: सामने आई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, रेप के बाद गला दबाकर की गई थी हत्या
प्रयागराज, 27 नवंबर: फाफामऊ थाना क्षेत्र के एक गांव में 24 नवंबर की रात मां-बेटी सहित चार लोगों की निर्ममता से हत्या कर दी गई थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने सभी के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा था। तो वहीं, अब इस मामले में एक नया खुलासा हुआ है। दरअसल, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि हुई है। रेप की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने एफआईआर में संबंधित धाराओं की वृद्धि कर दी है। इस मामले में पुलिस जानकारी देते हुए बताया कि 11 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसमें से आठ आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर लिया है। शेष बचे आरोपियों को पुलिस जल्द गिरफ्तार कर लेगी। तो वहीं, बताया जा रहा है कि 10 वर्षीय भाई का गला दबाया गया था। पोस्टमार्टम में इस बात का खुलासा हुआ है। हालांकि भाई-बहन के साथ ही उनके माता-पिता के सिर में भी वजनी चीज से वार किया गया था और सिर में लगी चोट की वजह से ही उनकी जान गई। वहीं सरकार की तरफ से पीड़ित परिवार को करीब 16 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया है। हालांकि इस मामले में प्रदेश की सियासत गरमा गई है।
दरअसल, प्रयागराज जिले के फाफामऊ थाना क्षेत्र के एक गांव में 50 वर्षीय मजदूर, उसकी पत्नी व 17 साल की बेटी और 10 साल के बेटा 24 नवंबर को अपने घर में सोए हुए थे। इस दौरान कुछ लोग उनके घर में घुसे और चारों को बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी। गुरुवार 25 नवंबर की सुबह ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस और फॉरेंसिक विभाग की टीम मौका-ए-वारदात पर पहुंच गई। बताया जा रहा है कि कमरे के अंदर मां-बेटी के कपड़े अस्त-व्यस्त मिले थे। पुलिस ने सभी शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया था। बताया जा रहा है कि तीन डॉक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी के बीच चारों शवों का पोस्टमॉर्टम किया। सूत्रों का कहना है कि पोस्टमॉर्टम में चारों मृतकों के सिर पर चोट के निशान मिले। इसके साथ ही पोस्टमॉर्टम में सामूहिक दुष्कर्म की भी पुष्टि हुई है। इतना ही नहीं, हत्यारों ने उसके सिर में वार करने के साथ ही उसका गला भी घोंटा था। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाबत पुलिस की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई।
बता दें, चारों शवों का पुलिस अभिरक्षा में शुक्रवार 26 नवंबर को गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया। लेकिन अंतिम संस्कार से पहले महिलाओं ने शवों को घेर लिया और हंगामा करने लगी। पीड़ित परिवार का कहना था कि मृतक परिवार के दो सदस्यों को सरकारी नौकरी, एक करोड़ रुपए मुआवजा, मृतक के भाइयों को शस्त्र का लाइसेंस और पांच बीघा जमीन दी जाए। इसके साथ ही इस मुकदमे के नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर फास्ट कोर्ट की मदद से उन्हें सजा दिलाई जाए। महिलाओं ने मांग की कि आरोपियों का घर बुलडोजर से गिराया जाए। इसके बाद ही वह अंतिम संस्कार करेंगे। हालांकि, प्रशासन द्वारा पीड़ित परिवार को काफी समझाया गया। जब वो नहीं मानें तो प्रशासन ने परिजनों को 16.50 लाख की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया। परिवार के पुरुष सदस्य का शस्त्र लाइसेंस बनेगा। परिवार की सुरक्षा के लिए पिकेट भी तैनात होगी। डीआईजी ने बताया 11 नामजद अभियुक्तों में से आठ गिरफ्तार हो चुके हैं। इसके बाद परिवार अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुआ।
गरमा
गई
प्रदेश
की
सियासत
कांग्रेस
महासचिव
प्रियंका
गांधी
के
पीड़ित
परिवार
से
मुलाकात
के
बाद
प्रदेश
की
सियासत
गरमा
गई
है।
बीएसपी
चीफ
मायावती
और
समाजवादी
पार्टी
के
प्रमुख
अखिलेश
यादव
ने
इस
घटना
की
कड़ी
निंदा
की
है।
साथ
ही
साथ
योगी
सरकार
के
कानून-व्यवस्था
पर
सवाल
भी
उठाए
हैं।
अखिलेश
यादव
ने
कहा,
'इलाहाबाद
के
फाफामऊ
में
दबंगों
के
द्वारा
4
दलितों
की
हत्या
दलित
विरोधी
भाजपा
सरकार
पर
एक
और
बदनुमा
दाग़
है।
घोर
निंदनीय!
उम्मीद
है
ये
अपराधी
बिना
चश्मे
के
भी
दिख
जाएंगे...।'
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मायावती
ने
भी
योगी
सरकार
की
आलोचना
बीएसपी
चीफ
मायावती
ने
कहा,
'यूपी
के
प्रयागराज
में
अभी
हाल
ही
में
दबंगों
द्वारा
एक
दलित
परिवार
के
चार
लोगों
की
निर्मम
की
गई
हत्या
अति-दुःखद
व
शर्मनाक।
यह
घटना
भी
सरकार
की
लचर
कानून-व्यवस्था
को
दर्शाती
है।
ऐसा
लगता
है
कि
इस
मामलें
में
भाजपा
भी
अब
सपा
सरकार
के
ही
नक्शेकदम
पर
चल
रही
है।
इस
घटना
के
बाद
सबसे
पहले
बाबूलाल
भांवरा
के
नेतृत्व
में
बीएसपी
के
पहुंचे
प्रतिनिधिमण्डल
ने
बताया
कि
प्रयागराज
में
दबंगों
का
जबरदस्त
आतंक
है,
जिसके
कारण
ही
यह
घटना
भी
हुई
है।
सरकार
सभी
दोषी
दबंगों
के
विरुद्ध
सख़्त
क़ानूनी
कार्रवाई
करे,
बीएसपी
की
यह
मांग।'