'मैं उत्तराधिकारी नहीं, नहीं पहचानी हैंडराइटिंग', सवाल उठने के बाद बैकफुट पर आए बलबीर गिरि
'मैं उत्तराधिकारी नहीं, नहीं पहचानी हैंडराइटिंग', सवाल उठने के बाद बैकफुट पर आए बलबीर गिरि
प्रयागराज, 22 सितंबर: 20 सितंबर, दिन सोमवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। उनका शव बाघंबरी मठ स्थित उनके कमरे में पंखे पर लटका मिला था। जांच पड़ताल के दौरान पुलिस को कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला था। जिसमें उन्होंने ऐसा कदम उठाने के पीछे अपने शिष्य आनंद गिरि का आरोप लगाया था। इस मामले में पुलिस ने आनंद गिरि को गिरफ्तार कर लिया है।
नहीं सुलझी नरेंद्र गिरि की मौत की गुत्थी
हालांकि, अभी तक महंत नरेंद्र गिरि की मौत की गुत्थी सुलझी नहीं है। इस बीच उनके उत्तराधिकारी के नाम को लेकर कवायद तेज हो गई है। इस काम के लिए अखाड़ा परिषद ने पंच परमेश्वरों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में ही नए उत्तराधिकारी का नाम तय होगा। लेकिन, महंत नरेन्द्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में शिष्य बलबीर गिरि को अपना उत्तराधिकारी बता हैं। लेकिन इस पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। महंत राम विलास वेदांती ने तो उत्तराधिकारी को ही महंत नरेंद्र गिरि की मौत का जिम्मेदार बता दिया है।
Recommended Video
बलवीरी गिरि ने पहचानी थी हैंडराइटिंग
दरअसल, बलवीर गिरि ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि महंत नरेंद्र गिरि के साथ जिन लोगों ने ये सब किया है उनको हमलोग अंदर भिजवा के ही रहेंगे। हमें कानून पर पूरा भरोसा है। गुरुजी अपनी बातों को किसी को नहीं बताते थे। उन्हें पीड़ा होती थी, तो वे खुद सहन करते थे। किसी शिष्य को कुछ नहीं बताते थे। मैं गुरुजी के साथ रहा हूं, मैं जानता हूं कि उन्हीं ने अपनी हैंडराइटिंग में ये सुसाइड लेटर लिखा है। उन्होंने कहा कि अक्षर जिस तरह लिखे हैं वो एक जैसे हैं।
बैकफुट पर आए बलबीर गिरि
हालांकि, खुद पर सवाल उठने के बाद बलबीर गिरि बैकफुट पर आ गए है और उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि फिलहाल वे उत्तराधिकारी नहीं हैं। पञ्च परमेश्वर जो तय करेंगे वो उन्हें मंजूर होगा। मेरे खिलाफ अगर कोई आरोप हैं तो मैं जांच के लिए पूरी तरह तैयार हूं, मैं यहीं बैठा हूं कहीं नहीं जाने वाला। उन्होंने आगे कहा कि मैं महंत नरेंद्र गिरि की हैंडरेटिंग नहीं पहचानता हूं। चिट्ठी के नीचे उनके साइन थे इसलिए मुझे लगा कि ये उन्होंने ही लिखी है।
जानिए कौन हैं बलवीर गिरि
बलबीर गिरि करीब 30 साल पुरान शिष्य हैं महंत नरेंद्र गिरि के। महंत नरेंद्र गिरि ने बलबीर गिरि को हरिद्वार आश्रम का प्रभारी बनाया हुआ था। इन्हीं बलबीर गिरि को महंत नरेंद्र गिरि ने अपना उत्तराधिकारी भी घोषित किया है। एक समय बलबीर गिरि और आनंद गिरि महंत के सबसे करीब माने जाते थे, लेकिन आनंद गिरि के निष्कासन के बाद बलबीर गिरि ही मठ का पूरा कामकाज संभाल रहे थे। किसी भी प्रमुख आयोजन या वार्ता में वह महंत नरेंद्र गिरि के साथ होते थे।