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Aligarh: हत्या के आरोप में सजा काट रहा है निर्दोष, मृत लड़की 7 साल बाद हुई हाथरस से सकुशल बरामद

7 साल सलाखों के पीछे कट जाना और इन वर्षों में हत्यारा कहे जाने का दंश झेलना क्या होता है, ये आप अलीगढ के विष्णु से पूछिए। इतने वर्षों तक जेल में बेगुनाही की सजा भुगतना लचर कानून व्यवस्था और पूरे तंत्र पर उंगली उठाता है।

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Aligarh Innocent is serving sentence for murder dead girl recovered safely from Hathras after 7 years

7 साल सलाखों के पीछे कट जाना और इन वर्षों में हत्यारा कहे जाने का दंश झेलना क्या होता है, ये आप अलीगढ के विष्णु से पूछिए। इतने वर्षों तक जेल में बेगुनाही की सजा भुगतना लचर कानून व्यवस्था और पूरे तंत्र पर उंगली उठाता है। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से एक चौंकाने देने वाला मामला सामने आया है। जिसमे 7 साल पहले मृत घोषित हो चुकी किशोरी युवती को हाथरस से पुलिस ने बरामद किया है। जबकि विष्णु नाम का एक युवक पिछले 7 साल से इस युवती के किशोरावस्था में रहते हुए अपहरण कर हत्या के मामले में जेल काट रहा है। 7 साल पहले आगरा में मिले एक अज्ञात शव को अपनी बेटी के शव के रूप में शिनाख्त करने वाले पिता ने भी बरामद युवती को अपनी वही बेटी बताया है। पुलिस ने बरामद युवती को कोर्ट में 164 के बयान व डीएनए कराने की अपील के साथ पेश किया है। जेल में बंद युवक विष्णु की मां व परिजनों ने न्याय की गुहार लगाते हुए आरोपियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

मृत घोषित हो चुकी किशोरी 7 साल बाद सकुशल बरामद

मृत घोषित हो चुकी किशोरी 7 साल बाद सकुशल बरामद

प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले दिनों थाना गोंडा के ढांठौली गांव निवासी सुनीता वृंदावन के एक भागवताचार्य के साथ उच्चाधिकारियों के साथ ही एसएसपी से मिली थी। उन्होंने बताया कि उनके निर्दोष बेटे को गांव की एक किशोरी के अपहरण और हत्या के जुर्म में जेल भेजा गया है। कुछ समय पहले उन्हें सूचना मिली कि वह लड़की जिंदा है। किसी के साथ शादी कर कहीं रह रही है। यह सुनकर अचंभित एसएसपी कलानिधि नैथानी ने थाना पुलिस को गंभीरता से जांच कर सच्चाई का पता लगाने का निर्देश दिया। इसके बाद थाना पुलिस ने गहराई से जांच शुरू की और उक्त युवती को जिला हाथरस से बरामद कर सोमवार को कोर्ट में 164 के बयान व डीएनए की अपील के साथ पेश किया।

प्रेमी के साथ भागकर हाथरस में रह रही थी

प्रेमी के साथ भागकर हाथरस में रह रही थी

वहीं, विष्णु को न्याय दिलाने के लिए उसकी मां सुनीता का सहयोग कर रहे वृंदावन निवासी भागवताचार्य उदय कृष्ण शास्त्री ने आरोप लगाते हुए बताया है कि उक्त किशोरी के किसी युवक के साथ प्रेम संबंध थे। वह अपने उसी प्रेमी के साथ भागकर हाथरस के एक गांव में पहुंच गई थी। जिसकी जानकारी उन्हें तब हुई जब वह उस गांव में भागवत करने के लिए गए थे और वहां उस किशोरी का फोटो दिखा कर गांव में पूछताछ की। तो वहां ग्रामीणों ने उस किशोरी को कई वर्ष पूर्व भाग कर आने की जानकारी दी। जो कि 7 साल बाद युवती हो चुकी थी। भागवताचार्य उदय कृष्ण शास्त्री ने सवाल यह भी उठाया है कि अगर यह युवती वही किशोरी है जिसके शव की शिनाख्त उसके पिता ने 7 वर्ष पूर्व की थी। तो सवाल खड़ा होता है कि आखिर वह शव किसका था, जिसकी शिनाख्त इसके रूप में करके पोस्टमार्टम प्रक्रिया पूर्ण कर अंतिम संस्कार करा दिया गया था।

सितंबर 2015 से काट रहा है सजा

सितंबर 2015 से काट रहा है सजा

दरअसल, घटनाक्रम के अनुसार 17 फरवरी 2015 को गांव के एक किसान द्वारा पुलिस को दी गई गुमशुदगी की तहरीर में कहा गया कि उनकी 10वीं में पढ़ने वाली बड़ी बेटी लापता है। उसके लापता होने के पीछे परिवार ने गांव की विधवा महिला सुनीता के इकलौते बेटे विष्णु पर संदेह जताया। कई माह तक चली जांच में पुलिस किशोरी का सुराग नहीं लगा सकी। कुछ समय बाद आगरा में एक किशोरी की लाश मिली। उसके शरीर पर मिले कपड़ों के आधार पर गोंडा निवासी किशोरी के परिवार ने अपनी बेटी के शव के रूप में पहचान करते हुए विष्णु पर हत्या करने का आरोप लगाया। मामले में पुलिस ने विष्णु को जेल भेजते हुए उसके खिलाफ किशोरी को बहला-फुसलाकर ले जाने, हत्या कर साक्ष्य छिपाने के आरोप में 25 सितंबर 2015 को चार्जशीट दायर कर दी। तब से विष्णु कई वर्ष तक जेल में रहा। कुछ वर्ष बाद वह जमानत पर जेल से बाहर आया। लेकिन एक बार फिर से कोर्ट में किन्ही कारण बस तारीख पर ना पहुंचने के चलते विष्णु के वारंट हो गए और पुलिस ने विष्णु को गिरफ्तार कर फिर से जेल भेज दिया। तब से विष्णु जेल में बंद चल रहा है। हम और आप अंदाजा नहीं लगा सकते, जो प्रताड़ना विष्णु ने उस गुनाह के लिए झेली, जो उन्होंने कभी किया ही नहीं था।

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English summary
Aligarh Innocent is serving sentence for murder dead girl recovered safely from Hathras after 7 years
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