IAS अधिकारी कांकीपति राजेश CBI की गिरफ्त में, क्या रिश्वत लेकर अपात्र लोगों को दिए हथियारों के लाइसेंस?
अहमदाबाद, 14 जुलाई। गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी कांकीपति राजेश को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। इन पर रिश्वत लेकर अपात्र लोगों को हथियारों के लाइसेंस देने का आरोप है। सीबीआई ने अपने अहमदाबाद स्थित कार्यालय में आईएएस के. राजेश को पूछताछ के लिए बुलाया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पूछताछ में सहयोग नहीं करने पर गिरफ्तार लिया। बुधवार को सीबीआई की ओर से इनकी गिरफ्तारी की सूचना दी गई है।
गुजरात कैडर में साल 2011 बैच के आईएएस के राजेश के ठिकानों पर मई में सीबीआई ने आधी रात को छापे भी मारे थे। तब सीबीआई टीमों ने सूरत, सुरेंद्रनगर व गांधीनगर और आंध्र प्रदेश में आईएएस के राकेश के ठिकानों पर इसी मामले में एक साथ कार्रवाई की थी। सीबीआई आज इन्हें कोर्ट में पेश कर सकती है।
बता दें कि मूलरूप से आंध्रप्रदेश के रहने वाले के राजेश गुजरात के सौराट्र के जिला कलेक्टर थे तब इनके खिलाफ रिश्वत लेकर अपात्र लोगों को हथियार लाइसेंस देने के आरोप लगे थे। सीबीआई दिल्ली की टीम ने इनके खिलाफ भ्रष्टाचार का केस भी दर्ज किया था। आईएएस अधिकारी के. राजेश के खिलाफ रिश्वत लेने के बाद संदिग्ध भूमि सौदों और हथियारों के लाइसेंस देने के आरोपों की जांच रिटायर्ड एडिशनल चीफ सेक्रेटरी रैंक के अधिकारी द्वारा की जा रही है। इन पर निजी व्यक्तियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे थे।
कौन हैं गुजरात कैडर के IAS Kankipati Rajesh, आधी रात को CBI ने घर-दफ्तर पर क्यों मारे छापे?
बता दें कि गुजरात कैडर में 2011 के आईएएस अधिकारी के. राजेश ने पांडिचेरी सेंट्रल यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स में बीटेक किया है। यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 2010 में 103 रैंक हासिल की। 2013 में जूनागढ़ में सहायक कलेक्टर के रूप में सेवाएं दी। फिर सूरत में सहायक कलेक्टर, सूरत में ही जिला विकास अधिकारी के रूप में कार्य किया। ये सुरेंद्रनगर व सौराष्ट्र के जिला कलेक्टर रहे हैं।