यूपी: वन विभाग में घोटाला, सरकारी खजाने से पैसा निकालने का अनोखा तरीका
फतेहाबाद। यूपी के फतेहाबाद क्षेत्र में वन विभाग का बड़ा घोटाला सामने आया है। यहां 70 मजदूरों को बिना काम किये खाते में तनख्वाह मिलती है और तनख्वाह खाते में आते ही वन विभाग के कर्मचारी 8 प्रतिशत मजदूर को देकर सारी राशि ले जाते हैं। पड़ताल में वन विभाग के इस बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। हालांकि वन विभाग के रेंजर प्रेम नाथ तिवारी मामले को बिल्कुल झूठा बता रहे हैं।
बिना काम कराए मजदूरी
बता दे कि वन विभाग के रेंजर को अधिकार होता है कि वो वन क्षेत्र में पौधे लगाने और झाड़ियां काटने आदि छोटे कामों के लिए संविदा पर क्षेत्रीय मजदूरों को रख सकता है। मजदूर को इसके लिए 175 रुपये प्रतिदिन की मजदूरी मिलती है। फतेहाबाद क्षेत्र में वन विभाग द्वारा वर्तमान में 70 मजदूर रखे गए हैं। जानकारी करने पर पता चला है कि ज्यादातर मजदूर कभी काम नहीं करने जाते और कुछ कभी-कभी जाते हैं।
एटीएम वन विभाग के पास
सभी के एटीएम वन विभाग के पास हैं और हर माह उन्हें 500 से 800 रुपये मजदूरी के देकर शेष सारा पैसा वन विभाग के कर्मचारी डकार जाते हैं। इतना बड़ा घोटाला रेंजर की मर्जी के बिना होना संभव नहीं है। जब इस बारे में फतेहाबाद के क्षेत्रीय वन अधिकारी प्रेमनाथ तिवारी से बात की गई तो उन्होंने आरोपो को गलत बताया और मामले में कोई सच्चाई न होने की बात कही।
मजदूर खुद बता रहे सच्चाई
जबकि लिखा-पढ़ी में काम कर रहे मजदूर साफ बता रहे हैं कि वो काम नहीं करने जाते हैं और उनकी जो तनख्वाह आती है उसमें से उन्हें 500 से 800 रुपये देकर वन विभाग के कर्मचारी सारा पैसा डकार जाते हैं। अब देखने वाली बात यह है कि 70 मजदूरों के बिना काम किये हर माह करीब साढ़े तीन लाख रुपये डकारने वालों पर क्या कार्रवाई की जाएगी?
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