रिसर्च का विषय- कब और कैसे हुई दुर्गा पूजा की शुरुआत
कोलकाता। दुर्गा पूजा महोत्सव के उद्भव पर प्रकाश डालने के उद्देश्य से केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने ललित कला अकादमी के माध्यम से एक शोध परियोजना की शुरुआत की है। दुर्गा पूजा पश्चिम बंगाल में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। कई वर्षो तक इस विषय पर विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ अध्ययन और शोध के बाद शोध पर दस्तावेज तैयार करेंगे और इसे प्रकाशित किया जाएगा, जिसमें दुर्गापूजा के उद्भव और कला से इसके संबंध पर भी प्रकाश डाला जाएगा।
नेशनल
एकेडमी
ऑफ
फाइन
आर्ट
एक
सप्ताह
के
अंदर
शोध
का
काम
शुरू
करने
वाली
है।
अकादमी
के
क्षेत्रीय
सचिव
मनोज
सरकार
ने
आईएएनएस
को
बताया,
"शुरुआत
में
दुर्गा
पूजा
बस
एक
पारिवारिक
उत्सव
के
रूप
में
मनाया
जाता
था,
फिर
धीरे-धीरे
यह
एक
सामाजिक
उत्सव
बन
गया।
कला
का
भी
इससे
जुड़ाव
हुआ,
जैसे
कालांतर
में
प्रतिमाएं
बनाना
और
साज-सज्जा
जैसी
कलाएं
त्योहार
से
जुड़ती
गईं।
शोध
में
इस
पूरे
परिवर्तन
के
दौर
को
दस्तावेज
के
रूप
में
प्रकाशित
किया
जाएगा।"
शोध और अध्ययन के लिए मनोज सरकार और अकादमी के अध्यक्ष कल्याण कुमार चक्रवर्ती की देखरेख में इतिहासकारों, मूर्तिकारों, छायाकारों व कई अन्य विशेषज्ञों का एक दल गठित किया गया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।