यूपी में रहते हैं विश्व के आठ प्रतिशत गरीब
लखनऊ। जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव छात्रों को लैपटॉप बांट रहे थे, तब आपको लग रहा होगा उत्तर प्रदेश कितना तरक्की कर रहा है, लेकिन क्या आपको मालूम है विश्व के आठ फीसदी गरीब उत्तर प्रदेश में रहते हैं।
यह हम नहीं बल्कि विश्वबैंक की रिपोर्ट कह रही है। विश्वबैंक अध्यक्ष जिम योंग किम ने कहा कि भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के विकास के बिना विश्व से गरीबी दूर नहीं की जा सकती। राज्य की नयी सरकार ने कुछ मुख्य चुनौतियां चिह्नित की हैं और उनका सामना करने के लिये विश्व बैंक उसे पूरा सहयोग देगा।
डा.किम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में साढ़े छह करोड़ से ज्यादा लोग गरीब हैं जो दुनिया में निर्धन लोगों की कुल संख्या के आठ प्रतिशत के बराबर हैं।
विश्वबैंक के खुशहाली लाने के प्रयास तब तक फलीभूत नहीं होंगे जब तक यूपी में इतनी ज्यादा गरीबी रहेगी। उत्तर प्रदेश में खासकर ग्रामीण और शहरी ढांचे के विकास में सहयोग की राज्य सरकार का अनुरोध स्वीकार करते हुए किम ने कहा कि हम ग्रामीण और शहरी ढांचे में निवेश के जरिए रोजगार और सेवाओं के बेहतर अवसर उपलब्ध कराकर सरकार का सहयोग करेंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने प्रदेश सरकार की निरूशुल्क लैपटॉप वितरण योजना को उपयोगी बताया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि हमें आशा है कि राज्य के विकास और अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार में विश्व बैंक का सहयोग प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि लगभग 20 हजार करोड़ रुपए की पर्यटन, सड़कों के निर्माण एवं जीर्णोद्धार, सिंचाई, ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के साथ-साथ लखनऊ नगर में मेट्रो रेल तथा नगरीय यातायात में दो चरणों में सुधार आदि परियोजनाएं संचालित करने के लिए विश्व बैंक से आर्थिक सहयोग की अपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक ने राज्य सरकार की इन परियोजनाओं के लिए सकारात्मक सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
इस पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि लगभग 40 वर्षों में विश्व बैंक ने उत्तर प्रदेश को कृषि, शिक्षा, सड़क यातायात, स्वास्थ्य, सिंचाई आदि से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं में सहयोग प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विश्व बैंक के सहयोग से राज्य में 344 मिलियन डॉलर की दो परियोजनाएं संचालित हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आज एक ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ा है, जहां से इसे सही दिशा में ले जाया जा सकता है। उन्होंने सड़क, यातायात, शिक्षा, ऊर्जा, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों के विकास में विश्व बैंक की मदद की अपेक्षा करते हुए कहा कि राज्य सरकार अपने वित्तीय संसाधन बढ़ाने का हर सम्भव प्रयास कर रही है लेकिन अवस्थापना सुविधाओं के विकास तथा लोक कल्याण के कार्य के लिए अधिक धन की आवश्यकता होगी।
अखिलेश ने विश्व बैंक द्वारा दिए जा रहे आर्थिक सहयोग के बाबत कहा कि राज्य सेक्टर, राष्ट्रीय या बहुराज्यीय परियोजनाओं के माध्यम से लगभग 11 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाएं के संचालन के लिए धनराशि प्राप्त होनी है। इसके अलावा कुछ परियोजनाएं विश्व बैंक के समक्ष अंतिम निर्णय की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने विश्व बैंक के अध्यक्ष के साथ आज हुई वार्ता को सकारात्मक बताते हुए भरोसा जताया कि राज्य के विकास एवं अवस्थापना परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए विश्व बैंक की आर्थिक मदद राज्य सरकार को मिलेगी।