स्विस बैंकों में जमा है भारतीयों के अरबों रुपए
स्विट्जरलैंड के बैंकों में 2011 के अंत तक कुल जमा विदेशी धन 1,530 अरब स्विस फ्रैंक (लगभग 90,000 अरब रुपये) था। इसमें भारतीयों का धन 2.18 अरब फ्रैंक यानी 12,700 करोड़ रुपये ही था। पिछले साल भारतीयों की ओर से जमा धन में 3500 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले भारतीयों की ओर से स्विस बैंकों में जमा धन में 2006 में वृद्धि हुई थी। तब भारतीयों की ओर से जमा धन में 40,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। वर्ष 2010 के अंत में यह धनराशि घटकर एक तिहाई रह गई।
स्विस में धन जमा करने में ब्रिटेन की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। वह यहां 20 फीसदी हिस्सेदारी रखता है। उसके बाद 18 फीसदी हिस्सेदारी के साथ अमेरिका दूसरे स्थान पर है। स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक स्विस नैशनल बैंक (एसएनबी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, विदेशियों के जमा धन के मामले में भारत अभी 55वें स्थान पर है। इस मामले में ब्रिटेन और अमेरिका के बाद वेस्ट इंडीज, जर्सी, जर्मनी, बहामास, लग्जमबर्ग, पनामा, फ्रांस, हांगकांग, केमन आइलैंड, जापान, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, इटली, नीदरलैंड, रूस, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात का नंबर आता है।
स्विट्जरलैंड के बैंकों में जमा भारतीयों का धन 2011 में पांच बरस में पहली बार बढ़ा है। इन आधिकारिक आंकड़ों को एसएनबी ने स्विस बैंकों की अपनी ग्राहकों के प्रति देनदारियां बताया है। इसमें उस काले धन का जिक्र नहीं है, जो भारतीयों या दूसरे देशों के लोगों ने स्विस बैंकों में जमा कराया है।
इसके अलावा एसएनबी के आंकड़ों में इस बात का भी उल्लेख नहीं है जो भारतीयों या अन्य देशों के लोगों ने दूसरे नामों से जमा कराया है। भारतीयों या यहां की इकाइयों ने प्रत्यक्ष रूप से 2.025 अरब स्विस फ्रैंक खुद जमा कराए हैं, वहीं 15.8 करोड़ स्विस फ्रैंक उन्होंने वेल्थ मैनेजरों के माध्यम से जमा कराए हैं।