किशन जी का सहयोगी नक्सली रांची में गिरफ्तार
उन्होंने बताया कि पुलिस को लातेहार, लोहरदगा से नंदू के रांची आने की सूचना मिली थी। नंदू सीपीआई नक्सली गिरोह के झारखंड, उडीसा, उत्तरी छत्तीसगढ विशेष क्षेत्रीय समिति का सदस्य एवं सब कमेटी आफ पॉलिसी एजुकेशन और जमुई बांका जोन का जोनल सदस्य था तथा 32 वर्षो से नक्सली संगठनों से जुडा हुआ था। उन्होंने बताया कि अभी इस बात की जानकारी नहीं हो सकी है कि नंदू रांची से कहां जाने की तैयारी में था, लेकिन पुलिस ने उससे हिरासत में पूछताछ कर उसके संगठन और आगे की योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की।
साकेत कुमार ने बताया कि नंदू बिहार में बांका जिले के शंभुगंज थाना क्षेत्र के बेलारी गांव का रहने वाला है। उन्होंने बताया कि नंदू कथित तौर पर साम्यवादी विचारधारा से प्रभावित होकर स्नातकोत्तर तक की पढाई के बाद भाकपा माओवादियों से वर्ष 1980 में जुड़ा था। प्रारंभ में उसे जमुई जोन में काम करने को दिया गया और बाद में सारंडा और छत्तीसगढ के जंगल अंबूझमार में नक्सलियों के लिए काम करने का जिम्मा सौंपा गया।
इस दौरान वह संगठन के शीर्ष नेतओं किशन जी प्रशांत बोस, मिसिर बेसरा और अनल दा से जुड़ा रहा। बत्तीस वर्षो की अवधि में नंदू ने विभिन्न पदों पर रहते हुए नक्सलियों के लिए अनेक नरसंहार और अन्य घटनाओं को अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि पुलिस को झारखंड और बिहार के 11 आपराधिक मामलों में उसकी तलाश थी। किशन जी को पश्चिमी बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर जिले में सुरक्षा बलों ने एक मुठभेड में पिछले वर्ष 24 नवम्बर को मार गिराया था।